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Guru Purnima 2024 इस दिन, इन शुभ योगों में होगा भगवान विष्णु, शिव और चंद्रमा की पूजा

Guru Purnima 2024 Auspicious Yoga: इस साल गुरु पूर्णिमा, रविवार जुलाई 21 को मनायी जाएगी. आइए जानें किन शुभ योग में होगी ये पूजा

By Shaurya Punj | July 10, 2024 1:28 PM
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Guru Purnima 2024 Date, Shubh Yog: आषाढ़ पूर्णिमा, जिसे गुरु पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, इस साल 21 जुलाई, 2024 को शुभ योगों में मनाया जाएगा. यह पर्व आध्यात्मिकता, ज्ञान और शिक्षा का प्रतीक है. इस दिन भगवान विष्णु, शिव और चंद्रमा की पूजा की जाती है, साथ ही गुरुओं का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है.

पर्व का महत्व

आध्यात्मिक उन्नति: गुरु पूर्णिमा का पर्व आध्यात्मिक उन्नति का अवसर प्रदान करता है. इस दिन भगवान विष्णु और शिव की पूजा करके ज्ञान, भक्ति और मोक्ष प्राप्ति की प्रार्थना की जाती है.

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गुरुओं का सम्मान: गुरु पूर्णिमा का दिन अपने गुरुओं का सम्मान और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर होता है. गुरु हमारे जीवन में ज्ञान और प्रकाश का मार्गदर्शन करते हैं.

चंद्रदोष से मुक्ति: इस दिन चंद्रमा की पूजा करने से चंद्रदोष से मुक्ति मिलती है. चंद्रमा ग्रह मन और भावनाओं से जुड़ा होता है, इसलिए इसकी पूजा से मन शांत और एकाग्र होता है.

वैवाहिक सुख: गुरु पूर्णिमा का व्रत रखने और भगवान विष्णु और शिव की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि आती है.


शिक्षा और ज्ञान: इस दिन विद्या देवी सरस्वती की पूजा करने से शिक्षा और ज्ञान प्राप्ति में सफलता मिलती है.

विशेष योग

इस साल गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई को सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, प्रीति योग, विषकुंभ योग के शुभ संयोग में मनाया जाएगा. इन योगों का प्रभाव इस दिन को और भी अधिक शुभ और फलदायी बनाता है.

शुभ मुहूर्त

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 20 जुलाई, शाम 6:12 बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 21 जुलाई, शाम 3:46 बजे
गुरु पूजा मुहूर्त: 21 जुलाई, सुबह 6:16 बजे से 8:05 बजे तक

पूजा विधि

सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें. पूजा स्थल को साफ करें और भगवान विष्णु, शिव और चंद्रमा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें.


दीप प्रज्वलित करें और धूप-बत्ती लगाएं. भगवान विष्णु, शिव और चंद्रमा को फल, फूल, मिठाई और अन्य भोग अर्पित करें. गुरु मंत्रों का जाप करें और गुरुओं का आशीर्वाद प्राप्त करें. दिनभर व्रत रखें और सात्विक भोजन करें. शाम को आरती करें और फिर व्रत का पारण करें.

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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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