Guru Tegh Bahadur Ji Martyrdom Day 2024: आज मनाया जा रहा है गुरु तेग बहादुर सिंह का शहीदी दिवस, यहां देखें उनके प्रेरणादायक कोट्स
Guru Tegh Bahadur Ji Martyrdom Day 2024: आज 24 नवंबर 2024 को गुरु तेग बहादुर सिंह की पुण्यतिथि मनाई जा रही है. गुरु तेग बहादुर सिंह का जीवन मानवता की सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण के लिए समर्पित था. उनके लिए धर्म सांस्कृतिक मूल्यों और जीवन के सिद्धांतों का प्रतीक था. उनके ये अनमोल विचार आज भी हम सभी के लिए अत्यंत प्रेरणादायक हैं.
Guru Tegh Bahadur Ji Martyrdom Day 2024: आज रविवार, 24 नवंबर को गुरु तेग बहादुर शहीदी दिवस मनाया जा रहा है. सिख धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, सन् 1675 में इसी दिन मुगल सम्राट औरंगजेब ने दिल्ली में धर्म परिवर्तन से मना करने के कारण गुरु तेग बहादुर की हत्या की थी. इसलिए, इस दिन को गुरु तेग बहादुर शहादत दिवस या शहीदी दिवस के नाम से भी जाना जाता है. उन्हें हिंद की चादर के रूप में भी सम्मानित किया जाता है. गुरु तेग बहादुर सिंह के प्रेरणादायक कोट्स यहां देखें
Surya Grahan 2025: अगले साल लगेंगे दो सूर्यग्रहण, जानें क्या भारत में आएगा नजर
Surya Grahan 2025: अगले वर्ष कब लगेगा साल का पहला सूर्यग्रहण, यहां जानें सही तिथि
किसी के द्वारा प्रगाढ़ता से प्रेम किया जाना आपको शक्ति देता है और किसी से प्रगाढ़ता से प्रेम करना आपको साहस देता है.
आध्यात्मिक मार्ग पर दो सबसे कठिन परीक्षण हैं, सही समय की प्रतीक्षा करने का धैर्य और जो सामने आए उससे निराश ना होने का साहस.
अपने सिर को छोड़ दो, लेकिन उन लोगों को त्यागें जिन्हें आपने संरक्षित करने के लिए किया है. अपना जीवन दो, लेकिन अपना विश्वास छोड़ दो.
जो अपने अहंकार को जीतता है और सभी चीजों के एकमात्र द्वार के रूप में भगवान को देखता है. उस व्यक्ति ने ‘जीवन मुक्ति’ को प्राप्त किया है, इसे असली सत्य के रूप में जानते हैं.
जिनके लिए प्रशंसा और विवाद समान हैं तथा जिन पर लालच और लगाव का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. उस पर विचार करें केवल प्रबुद्ध है जिसे दर्द और खुशी में प्रवेश नहीं होता है. इस तरह के एक व्यक्ति को बचाने पर विचार करें.
अपने सिर को छोड़ दो, लेकिन उन लोगों को त्यागें जिन्हें आपने संरक्षित करने के लिए किया है. अपना जीवन दो, लेकिन अपना विश्वास छोड़ दो.
जानें गुरु तेग बहादुर सिंह के बारे में
गुरु तेग बहादुर सिंह सिख धर्म के नौंवें गुरु थे. वे एक क्रांतिकारी युग के प्रतीक माने जाते हैं. उनका जन्म वैसाख कृष्ण पंचमी के दिन पंजाब के अमृतसर में हुआ था. विश्व इतिहास में धर्म और मानवता के मूल्यों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वालों में गुरु तेग बहादुर साहब का स्थान विशेष है. गुरु तेग बहादुर सिंह जी द्वारा रचित बाणी में 15 रागों के अंतर्गत 116 शबद (श्लोकों सहित) श्रीगुरु ग्रंथ साहिब में शामिल किए गए हैं. उन्होंने अपने समय के शासक वर्ग की निर्दयता और मानवता के प्रति विरोधी नीतियों का सामना करने के लिए बलिदान दिया.