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Guru Vakri 2020: आज से गुरु चलेंगे उल्टी चाल, जानिए इन 05 राशियों के लिए है चेतावनी

Guru Vakri 2020: गुरु आज 14 मई से वक्री हो रहे है. गुरु अध्यात्म का कारक ग्रह है. धनु गुरु की अपनी राशि है. आज रात से गुरु उल्टी चाल चलेंगे. गुरु के उल्टी चाल चलने से सभी राशियों पर इसका शुभ-अशुभ प्रभाव पड़ेगा. गुरु 29 जून तक इस राशि में ही वक्री रहेंगे. इस राशि में गुरु 46 दिन तक वक्री रहेंगे. 30 जून को गुरु वक्री रहते हुए ही धनु राशि में प्रवेश कर जाएंगे.

By Radheshyam Kushwaha | May 14, 2020 9:10 AM

Guru Vakri 2020: गुरु आज 14 मई से वक्री हो रहे है. गुरु अध्यात्म का कारक ग्रह है. धनु गुरु की अपनी राशि है. आज रात से गुरु उल्टी चाल चलेंगे. गुरु के उल्टी चाल चलने से सभी राशियों पर इसका शुभ-अशुभ प्रभाव पड़ेगा. गुरु 29 जून तक इस राशि में ही वक्री रहेंगे. इस राशि में गुरु 46 दिन तक वक्री रहेंगे. 30 जून को गुरु वक्री रहते हुए ही धनु राशि में प्रवेश कर जाएंगे. धनु राशि में गुरु 76 दिन तक वक्री रहने के बाद 13 सितंबर को धनु राशि में मार्गी होंगे. वहीं, 11 मई से शनि वक्री चाल चल रहे है. वहीं, 13 मई से शुक्र भी उल्टी चाल चल रहे है. इन ग्रहों के उल्टी चाल चलने से सभी राशियों पर इसका प्रभाव पड़ेगा. गुरु के उल्टी चाल चलने से कई राशियों की परेशानी बढ़ जाएगी. वहीं, कई राशियों के लिए खुशी का दिन आने वाला होगा.

मेष : मेष राशि के लिए गुरु का वक्री होना शुभ नहीं है. गुरु दशम है, और वक्री काल में वह अनुकूल बना रहेगा. वक्री होकर धनु में आने से वह नवम हो जाएगा, अत: यह भी फायदा देने वाला हो सकता है. इस समय आध्यात्म से दूरी बन सकती है. मानसिक तनाव होने की संभावना रहेगी. वैवाहिक जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. नौकरी में नए पद मिल सकती है. हर गुरुवार को विष्णुजी को पुष्पहार चढ़ाने से कुछ परेशानिया दूर हो सकती है.

वृष : गुरु के वक्री होने से उसका प्रभाव कम हो सकता है. गुरु के धनु में जाने से यह दृष्टि खत्म हो सकती है. वृष राशि के जातकों के लिए गुरु का वक्री रहना मिलाजुला परिणाम लेकर आएगा. इस समय लापरवाही करने पर नुकसान उठाना पड़ सकता है. आध्यात्मिक पहलुओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है. पारिवारिक जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. कारोबार में सावधानी रखें और वाहन प्रयोग में भी सावधान रहें. विष्णुजी के मंदिर में सवा किलो घी चढ़ाने पर समस्याएं दूर होगी.

मिथुन : आठवां गुरु वक्री होने से राहत मिलेगी. मिथुन राशि के जातकों को गुरु के वक्री होने से थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है. स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां बढ़ सकती है, इसलिए सेहत का ध्यान रखने की जरूरत है. न्यायालयीन और विवादित मामलों में जीत मिलेगी. आय बढ़ने की संभावना है. आर्थिक समस्याओं से आप जूझ सकते है. विष्णुजी की पूजा करने से आपकी समस्याएं दूर होगी.

कर्क : कर्क राशि के लिए गुरु का वक्री होना शुभ रहेगा. गुरु की पूर्ण सप्तम दृष्टि वक्री होने से विश्वास की कमी हो सकती है. आय का स्रोत बना रहेगा. व्यापार के क्षेत्र में लाभ मिलने के संकेत भी मिल रहे हैं. इस समय में किसी नए कार्य की शुरुआत कर सकते है. कार्य स्थल पर भी विवाद संभव है. परिवार से सहयोग मिलता रहेगा. ये समय आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है. विष्णुजी के सामने घी का दीपक रोज जलाने पर आपको लाभ मिलेगा.

सिंह: सिंह राशि के लिए गुरु का वक्री होना शुभ नहीं है. षष्ठम गुरु के वक्री होने से राशि पर कुछ निगेटिव प्रभाव नहीं पड़ेगा. काम तेजी के साथ संभव हो पाएंगे. परिवार और साझेदार सहयोग प्रदान करेंगे. कार्यों को ध्यानपूर्वक करने की जरूरत है. यात्रा का योग बन रहा है. वाहनादि प्रयोग में सावधानी रखना होगा. ऊं नमो भगवते वासुदेवाय का जाप करें, इस समय किसी पर भी निर्भर रहना ठीक नहीं है. ये समय धैर्य रखने का है.

कन्या : कन्या राशि के लिए गुरु का वक्री होना मिलाजुला परिणाम लेकर आएगा. गुरु की नवम पूर्ण दृष्टि राशि पर थी. गुरु के वक्री होने से उसका प्रभाव कुछ कम हो सकता है. व्यापारियों और उच्च पद पर कार्यरत लोगों को कुछ परेशानी बढ़ सकती है. विष्णुजी को शहद चढ़ाएं. कार्यों को पूरा करने के लिए बेहतर योजना बनाने की आवश्यकता है.

तुला : तुला राशि के लिए गुरु का वक्री होना कुछ खास नहीं है. इस राशि से गुरु चतुर्थ भाव में है जो मुश्किलें खड़ी कर रहा था, लेकिन गुरु के वक्री होने से इस राशि को फायदा होने की पूरी संभावनाएं बन रही हैं. इस समय में अधिक मेहनत करने की आवश्यकता है. लाभदायक योग बनेंगे और नुकसान की भरपाई करने में सफल होंगे. गुरुवार को चने का दान करें और विष्णुजी को हल्दी चढ़ाएं.

वृश्चिक: वृश्चिक राशि के जातकों को गुरु के वक्री होने से मिलाजुला परिणाम मिलेंगे. तृतीय गुरु पूर्व से ही अनुकूल था और वक्री होने के बावजूद वह नुकसानदायक नहीं होगा. नए कार्यों की प्राप्ति होगी. कार्यों को स्वंय करें, किसी और पर निर्भर रहने से नुकसान हो सकता है. प्रेम जीवन में भी कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. नई जगहों पर जाने को मिलेगा और रिश्तेदारों से मुलाकात हो सकती है. केले की जड़ में विष्णुजी की पूजा करने पर आपकी समस्याएं दूर होगी.

धनु : धनु राशि के जातकों के लिए गुरु के वक्री होने से सामान्य परिणाम मिलेंगे. द्वितीय गुरु पूर्व से और बेहतर फल देने वाला होगा. कुंवारों को विवाह प्रस्ताव की प्राप्ति होगी और अटके धन की प्राप्ति होगी. धन लाभ होगा, जिससे आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा. नए कारोबार में भी रूचि हो सकती है. साझेदारों और मित्रों से सहयोग मिलेगा. इस समय में आपको सभी कार्यों में सफलता मिलने के योग भी बन रहे हैं, बस जरुरत है इस समय कड़ी मेहनत करने की. टूटी दोस्ती फिर से स्थापित होगी. विष्णुजी को केला चढ़ाने पर मनोकामनाएं पूरी होगी.

मकर : मकर राशि के लिए गुरु के वक्री होने से शुभ नहीं रहेगा. गुरु के वक्री होने से किसी प्रकार के नुकसानदायक नहीं है. धर्म कार्यों में व्यय होने की संभावना रहेगी. इस समय आपको विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. सेहत पर ध्यान देना होगा. नए मकान की खरीदारी करने का मन बन सकता है. विष्णुजी को हल्दी मिश्रित जल अर्पण करें.

कुंभ: कुंभ राशि के लिए गुरु का वक्री होना शुभ रहेगा. द्वादश गुरु नुकसानदायक हो रहा था, लेकिन अब वह वक्री होने से पुराने नुकसान की भरपाई हो सकता है. पहले जो भी आपको असफलताएं मिली है उन कार्यों को पुन सफल बनाने का प्रयास करेगा. जीवनसाथी से तालमेल बना कर चलने से पारिवारिक जीवन में खुशी का अनुभव करेंगे. छात्र-छात्राओं के लिए ये समय किसी वरदान से कम नहीं है, बस जरूरत है, मेहनत करने की.

मीन : मीन राशि के लिए गुरु का वक्री होना शुभ है. वक्री गुरु एकादश है, जो किसी प्रकार से हानिकारक नहीं है, लाभ देने की स्थिति में है. गुरु के मार्गी और वक्री दोनों ही स्थिति में लाभ बना रहेगा. व्यापार में लाभ होने के योग भी बन रहे हैं. जीवनसाथी के साथ संबंध मधुर होंगे. कारोबार की नई योजनाएं बनेंगी तथा धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होने का मौका मिलेगा. इस समय में रुके हुए कार्य पूर्ण होंगे. व्यापार में लाभ होने के योग भी बन रहे हैं. विष्णुजी को वस्त्र अर्पित करने पर लाभ मिलेगा.

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