Guruwar Niyam: गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और गुरु बृहस्पति के लिए विशेष रूप से समर्पित माना जाता है. यह मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. साथ ही, गुरु बृहस्पति की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और कुंडली में बृहस्पति ग्रह की स्थिति में सुधार होता है. यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में गुरु की स्थिति कमजोर है, तो उसे धन, ज्ञान और संतान से संबंधित कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में जातक अपनी कुंडली में गुरु की स्थिति को सुधारने के लिए विभिन्न उपाय, नियम और उपवास का पालन करते हैं. हालांकि, कई बार गुरुवार के दिन कुछ गलतियां करने से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
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गुरुवार के दिन श्रद्धा से करें इन नियमों का पालन
- ऐसा माना जाता है कि गुरुवार के दिन अपने बाल नहीं धोना चाहिए,खास कर शादी शुदा महिलाओं को,इससे कुंडली में गुरु की स्थिति कमजोर हो जाती है,इसके साथ ही वैवाहिक जीवन, संतान सुखप्राप्ति पर बुरा प्रभाव पड़ता है.
- गुरुवार के दिन सिर, दाढ़ी आदि के बाल नहीं कटवाने चाहिए, क्योंकि इससे संतान सुख में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न होती है,और संतान आयु काम होती है.
- बृहस्पतिवार के दिन हाथ-पैर के नाखून भी नहीं काटने चाहिए,इससे सेहत पर बुरा असर पड़ने के साथ गुरु ग्रह की स्थिति कमजोर होती है,साथ ही माता लक्ष्मी नाराज हो जाती है.
- गुरुवार के दिन दक्षिण, पूर्व, नैऋत्य कोण की ओर पूजा न करें इसे श्री हरि का दिशा दोष लगता है,खासकर दक्षिण दिशा की ओर क्योंकि इस दिशा में दिशाशूल रहता है.
- गुरुवार के दिन केले का सेवन भूलकर भी नहीं करे क्यों कि केले मे श्री हरि का वास होता है जबकि गुरुवार के दिन केले के पौधे की विधिवत पूजा करने के विधान है.
- गुरुवार के दिन कपड़े धोना,शरीर में साबुन लगाना, पोछा लगाने से और घर के झोल मोल भूलकर भी न साफ करें, क्योंकि इससे कुंडली में गुरु की स्थिति पर नकरात्मक प्रभाव पड़ता है और मां लक्ष्मी की अप्रसन्न होती है.
- गुरुवार को जैसे: सिलाई न करें, पूजा पाठ का समान न खरीदें, काले और नीले रंग के वस्त्र ग्रहण न करें.
- किसी भी साधु-संत और पशु – पक्षी, का तिरस्कार भूलकर भी न करें क्योंकि शस्त्रों के मान्यताओं के अनुसार पशुओं और महात्माओं को और श्री हरि के अवतार स्वरूप पूजा किया जाता है.