कितने गुरुवार व्रत रखना होता है शुभ, जानें कब करें उद्यापन

Guruwar Vrat Udyapan: गुरुवार का दिन भगवान श्री हरि विष्णु के लिए विशेष रूप से समर्पित है. इस दिन भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में गुरु ग्रह मजबूत नहीं है और विवाह में अनेक बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है, तो गुरुवार का व्रत बहुत लाभकारी सिद्ध हो सकता है. इसके अतिरिक्त, ज्योतिषी अविवाहित व्यक्तियों को भी गुरुवार का व्रत रखने की सलाह देते हैं. यह माना जाता है कि गुरुवार का व्रत करने से व्यक्ति को सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है और कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति भी मजबूत होती है. गुरुवार व्रत के बारे में सभी जानकारी प्राप्त करें.

By Shaurya Punj | January 23, 2025 8:04 AM
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Guruwar Vrat Udyapan: हिंदू धर्म में प्रत्येक दिन को किसी विशेष देवी-देवता के नाम समर्पित किया गया है. इस परंपरा के अनुसार, गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की आराधना के लिए निर्धारित है. यह मान्यता है कि यदि कोई कुंवारी कन्या गुरुवार का व्रत करती है, तो उसके विवाह में आने वाली बाधाएं समाप्त हो जाती हैं. इसके साथ ही, परिवार में उत्पन्न समस्याओं का भी समाधान होता है.

कितने गुरुवार के व्रत को रखना शुभ

16 गुरुवार का व्रत रखना शुभ और,मनोकामनापूर्ण माना जाता है, वहीं 17 गुरुवार को व्रत का उद्यापन करना चाहिए.इसके अलावा अगर आप अपनी जीवन मे सुख -शांति और समृधि चाहतें है तो श्रद्धा -आस्था, भाव से गुरुवार का व्रत आजीवन भर रख सकते है. वहीं, आप अगर कुछ सालों तक के लिए गुरुवार के व्रत का संकल्प लेना चाहते हैं, तो आप 1, 3, 5, 7 या 9 साल तक इस व्रत का पालन कर सकते हैं.

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क्यों रखना चाहिए ,गुरुवार को व्रत

गुरुवार का व्रत भगवान विष्णु के लिए या फिर बृहस्पति ग्रह कमजोर होने के कारण रखने के लिए कहा जाता है . जिन लोगों के काम बनते-बनते बिगड़ जाते हैं या फिर शादी में अड़चनें आती हैं या फिर रिश्तों मे खटास आती है, उन्हें गुरुवार का व्रत रखने की सलाह दी जाती है जिसे शुभ फल प्राप्त होता है. गुरुवार का व्रत रखने से जीवन की कई समस्याएं दूर होने लगती हैं ,साथ ही सुख शांति और धन की वृद्धि होती है. कड़ी मेहनत करने के बाद भी जिन कामों में बार-बार रूकावटें आती हैं, उन्हें दूर करने के लिए गुरुवार का व्रत सबसे अच्छा उपाय माना जाता है.

गुरुवार व्रत का उद्यापन कैसे करें,जानें उद्यापन विधि

गुरुवार व्रत के उद्यापन के लिए एक पहले सभी सामग्री- चने की दाल, गुड़, हल्दी, केले, पपीता और पीला वस्त्र आदि ले आएं. 16 गुरुवार पूरे होने के बाद 17वें गुरुवार को व्रत का उद्यापन करें.जिस दिन उद्यापन करना हो उस दिन स्नान के बाद पीले कपड़े पहनें. भगवान विष्णु का भक्ति भाव से ध्यान करें और मंत्रों का जाप करें. साथ ही भगवान विष्णु को पांच प्रकार की पीली चीजों को अर्पित करें. इसके बाद गुरुवार व्रत के उद्यापन के दिन भगवान विष्णु को खीर का भोग लगाएं. हाथ में जल भरकर श्री हरि विष्णु के सामने अर्पित करें. इसके बाद आपका गुरुवार व्रत संकल्प पूरा हो जाएगा. अंत में केले के पेड़ की पूजा कर गरीबों में पीले अन्न का भोजन कराएं और पीले रंग के वस्त्रों का दान करें साथ ही श्री हरि विष्णु के व्रत विधि की पुस्तकों का भी दान करें.

किस महीने मे करें गुरुवार का व्रत किस महीने मे करें उद्यापन विधि?

गुरुवार का व्रत किसी भी महीने मे शुभारंभ या उद्यापन कर सकते हैं, केवल पौष माह मे भूलकर भी व्रत का शुभारंभ या उद्यापन न करें.

गुरुवार उद्यापन सामग्री लिस्ट

  • चने की दाल
  • गुड़
  • हल्दी
  • केला
  • पपीता
  • पिला वस्त्र
  • श्री हरि की प्रतिमा
  • जनेउ
  • पीला फूल और माला
  • चंदन
  • खीर
  • पीला मिठाई
  • केला के पत्ते
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