Hanuman Jayanti 2022: आज हनुमान जयंती का पर्व मनाया जा रहा है. चैत्र शुक्ल पक्ष की उदया तिथि पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाता है. इस दिन भगवान शिव के 11वें रुद्रावतार, यानि श्री हनुमान जी का जन्म हुआ था. वैसे मतांतर से चैत्र पूर्णिमा के अलावा कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भी हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है.
चैत्र शुक्ल पक्ष की उदया तिथि पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाता है. इस दिन भगवान शिव के 11वें रुद्रावतार, यानि श्री हनुमान जी का जन्म हुआ था. वैसे मतांतर से चैत्र पूर्णिमा के अलावा कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भी हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है.
हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी की पूजा विधि-विधान से करना शुभ होता है. इसलिए पूजा करने से पहले ये सामग्री ले लें. एक चौकी, एक लाल कपड़ा, हनुमान जी की मूर्ति या फोटो, एक कप अक्षत, घी से भरा दीपक, फूल, चंदन या रोली, गंगाजल, तुलसी की पत्तियां, धूप, नैवेद्य (गुड और भुने चने.
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ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान करें.
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इसके बाद हनुमान जी को ध्यान कर हाथ में गंगाजल लेकर व्रत का संकल्प लें.
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उसके बाद पूर्व दिशा की ओर भगवान हनुमान जी की प्रतिमा को स्थापित करें.
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फिर सच्चे मन से हनुमान जी की प्रार्थना करें.
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उसके बाद एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछा दें और इसपर हनुमान जी की फोटो रखें.
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उसके बाद सबसे पहले एक पुष्प के द्नारा जल अर्पित करें.
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अब फूल अर्पित करें और फिर रोली या चंदन लगाएं.
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इसके साथ ही अक्षत चढ़ाएं.
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अब भोग चढ़ाएं और जल अर्पित करें.
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इसके बाद दीपक और धूप जला कर आरती करें और हनुमान जी के मंत्रों का जाप, सुंदरकांड और चालीसा का पाठ पढ़े.
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हनुमान जी की पूजा में न करें ये गलती
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हनुमान जी की पूजा में चरणामृत का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
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हनुमान जी की पूजा करने वाले भक्त को उस दिन नमक का सेवन नहीं करना चाहिए.
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हनुमान जी की पूजा करते समय काले और सफेद रंग के कपड़े पहनने से बचें.
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हनुमानजी की पूजा करते समय ब्रह्राचर्य व्रत का पालन करना चाहिए.
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हनुमान जयंती कर खंडित और टूटी हुई मूर्ति की पूजा न करें.
पवनपुत्र हनुमान जी को हलुवा, गुड़ से बने लड्डू, बूंदी या बूंदी के लड्डू, पंच मेवा, डंठल वाला पान, केसर-भात और इमरती अत्यंत प्रिय हैं. इन मिष्ठानों का भोग लगाने से हनुमान जी अत्यंत प्रसन्न होते