Hanuman Jayanti 2022: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को संकटमोचन राम भक्त हनुमान का जन्म (Lord Hanuman Birth) हुआ था. इस बार हनुमान जयंती 16 अप्रैल को मनाई जा रही है. राम भक्त हनुमान की इस दिन विशेष पूजा अर्चना करने का विधान है. जानें हनुमान जयंती पर किस विधि से करें पूजा, पूजा के विशेष नियम, शुभ मुहूर्त क्या हैं? मंत्र के साथ यह भी जान लें कि हनुमान जी की पूजा करते समय किन बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है.
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हनुमान जयन्ती शनिवार, अप्रैल 16, 2022 को
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पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – अप्रैल 16, 2022 को 02:25 ए एम बजे
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पूर्णिमा तिथि समाप्त – अप्रैल 17, 2022 को 12:24 ए एम बजे
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उदया तिथि को हनुमान जयंती का व्रत रखा जाता है, इसलिए 16 अप्रैल को हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाएगा.
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हनुमान जयंती पर इस साल रवि और हर्षना योग बन रहा है. साथ ही हस्त और चित्रा नक्षत्र का संयोग भी रहेगा.
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हनुमान जयंती के दिन सुबह 5.55 से 8.40 बजे तक रवि योग रहेगा. ऐसा माना जाता है कि रवि योग में किया गया कोई भी कार्य शुभ फल देता है.
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हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए चौमुखी दीपक जलाएं. इसके अलावा हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें.
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हनुमान जी की पूजा में गेंदे, हजारा, कनेर, गुलाब के फूल चढ़ाएं जबकि जूही, चमेली, चम्पा, बेला इत्यादि फूलों को चढ़ाने से परहेज करें.
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मालपुआ, लड्डू, चूरमा, केला, अमरूद आदि का भोग लगाएं.
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हनुमान जी की प्रतिमा के सामने घी का दीपक जलाएं.
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दोपहर तक इस दिन कोई भी नमकीन चीज खाने से बचें.
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इस दिन हनुमान जी को सिंदूर का चोला चढ़ाने से शीघ्र मनोकामना की पूर्ति होती है.
1– ॐ तेजसे नम:
2– ॐ प्रसन्नात्मने नम:
3– ॐ शूराय नम:
4– ॐ शान्ताय नम:
5– ॐ मारुतात्मजाय नमः
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हनुमान जी की पूजा में चरणामृत का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
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हनुमान जी की पूजा करने वाले भक्त को उस दिन नमक का सेवन नहीं करना चाहिए.
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हनुमान जी की पूजा करते समय काले और सफेद रंग के कपड़े पहनने से बचें.
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हनुमानजी की पूजा करते समय ब्रह्राचर्य व्रत का पालन करना चाहिए.
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हनुमान जयंती कर खंडित और टूटी हुई मूर्ति की पूजा न करें.
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पवनपुत्र हनुमान जी को हलुवा, गुड़ से बने लड्डू, बूंदी या बूंदी के लड्डू, पंच मेवा, डंठल वाला पान, केसर-भात और इमरती अत्यंत प्रिय हैं. इन मिष्ठानों का भोग लगाने से हनुमान जी अत्यंत प्रसन्न होते