संकटमोचन हनुमानाष्टक का पाठ करने से पहले वीर हनुमान जी का पूजन करें. उनको अक्षत्, लाल फूल, धूप, दीप, गंध, माला, फल, यज्ञोपवीत आदि अर्पित करें. फिर बूंदी के लड्डू या गुड़ चने का भोग लगाएं. हनुमान जी को रोट का भी भोग लगाया जाता है. इसके बाद एक आसन पर बैठ करके हनुमान जी का ध्यान करें और संकटमोचन हनुमानाष्टक का पाठ करें.
हनुमान जयंती के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करें और इसके बाद साफ कपड़े पहन ले. भगवान को सिंदूर और चंदन का तिलक करें. इसके बाद फूल, फल, पान का बीड़ा, सुपारी, लाल रंग का लंगोट, तुलसी दल, नैवेद्य, लड्डू, अक्षत आदि अर्पित कर घी का चौमुखी दीपक जलाएं. इसके बाद हनुमान जी मंत्रों का उच्चारण करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें. हनुमान जयंती के दिन चोला चढ़ाने से भी भगवान शीघ्र प्रसन्न होते हैं.
हनुमान जयंती की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 6 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 6 मिनट से 7 बजकर 40 मिनट तक था. उसके बाद आप दोपहर में 12 बजकर 24 मिनट से 1 बजकर 58 मिनट तक पूजा कर सकते हैं. इसके अलावा शाम को 5 बजकर 7 मिनट से 8 बजकर 7 मिनट तक भी पूजा का शुभ मुहूर्त है.
हनुमान जयंती की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन पूजा अर्चना करने वाले को बजरंग बली हर रोग और दोष से दूर रखते हैं और हर प्रकार के संकट से रक्षा करते हैं. जीवन में कष्ट दूर होते है और सुख शांति की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही जिन लोगों पर शनि की अशुभ दशा चल रही है वे यदि हनुमान जयंती पर व्रत रखें तो उनके शनि के दोष दूर होते हैं और कष्टों से मुक्ति मिलती है.
1– ॐ तेजसे नम:
2– ॐ प्रसन्नात्मने नम:
3– ॐ शूराय नम:
4– ॐ शान्ताय नम:
5– ॐ मारुतात्मजाय नमः
लाल देह लाली लसे, अरु धरि लाल लंगूर।
वज्र देह दानव दलन, जय जय जय कपि सूर॥
हनुमान जी की जय…बजरंगबली की जय….पवनपुत्र हनुमान की जय!
संकटमोचन हनुमानाष्टक का पाठ करने से पहले वीर हनुमान जी का पूजन करें. उनको अक्षत्, लाल फूल, धूप, दीप, गंध, माला, फल, यज्ञोपवीत आदि अर्पित करें. फिर बूंदी के लड्डू या गुड़ चने का भोग लगाएं. हनुमान जी को रोट का भी भोग लगाया जाता है. इसके बाद एक आसन पर बैठ करके हनुमान जी का ध्यान करें और संकटमोचन हनुमानाष्टक का पाठ करें.
ओम हं हनुमते नम:
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि॥
हिंदू धर्म में मंगलवार और शनिवार का दिन हनुमान जी की पूजा के लिए समर्पित होता है. लेकिन हनुमान जी की पूजा के लिए हनुमान जयंती के दिन को विशेष माना जाता है. इस दिन किए पूजा-पाठ, व्रत, उपाय, मंत्रोचारण आदि से बजरंगबली की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन की सारी परेशानियों से मुक्ति मिलती है.
हनुमान जयंती के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करें और इसके बाद साफ कपड़े पहन ले. भगवान को सिंदूर और चंदन का तिलक करें. इसके बाद फूल, फल, पान का बीड़ा, सुपारी, लाल रंग का लंगोट, तुलसी दल, नैवेद्य, लड्डू, अक्षत आदि अर्पित कर घी का चौमुखी दीपक जलाएं. इसके बाद हनुमान जी मंत्रों का उच्चारण करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें. हनुमान जयंती के दिन चोला चढ़ाने से भी भगवान शीघ्र प्रसन्न होते हैं.
हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर, जनेऊ, खड़ाऊं या चरण पादुका, वस्त्र, हनुमान चालीसा, लाल फूल, सिंदूर, अक्षत्, फल, माला, चमेली का तेल, गाय का घी, दीपक, पान का बीड़ा, लाल लंगोट, धूप, अगरबत्ती, इलायची, लौंग, मोतीचूर के लड्डू, बूंदी या बूंदी के लड्डू, बेसन के लड्डू, गुड़, काला चना, हनुमान जी का ध्वज, शंख, घंटी आदि.
महिलाएं हनुमान जयंती पर बजरंगबली की पूजा करते वक्त बजरंग बाण का पाठ न करें. इसके साथ ही हनुमान जी की मूर्ति के सामने झुककर प्रणाम न करें, क्योंकि हनुमान लला के लिए सभी महिलाएं माता के समान है. स्त्रियों को हनुमान जयंती पर मंगलवार के व्रत का संकल्प नहीं लेना चाहिए. स्त्रियां पीरियड्स के समय व्रत-पूजन नहीं कर सकती है, ऐसे में व्रत का अनुष्ठान टूट जाएगा और पूजा का फल नहीं मिलेगा.
हनुमान जयंती की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन पूजा अर्चना करने वाले को बजरंग बली हर रोग और दोष से दूर रखते हैं और हर प्रकार के संकट से रक्षा करते हैं. जीवन में कष्ट दूर होते है और सुख शांति की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही जिन लोगों पर शनि की अशुभ दशा चल रही है वे यदि हनुमान जयंती पर व्रत रखें तो उनके शनि के दोष दूर होते हैं और कष्टों से मुक्ति मिलती है.
हनुमान जयंती की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 6 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 6 मिनट से 7 बजकर 40 मिनट तक था. उसके बाद आप दोपहर में 12 बजकर 24 मिनट से 1 बजकर 58 मिनट तक पूजा कर सकते हैं. इसके अलावा शाम को 5 बजकर 7 मिनट से 8 बजकर 7 मिनट तक भी पूजा का शुभ मुहूर्त है.
मान्यता है कि जो भक्त हनुमान जयंती के दिन श्रद्धा और निष्ठा से बजरंगबली की पूजा करते हैं, उनके रोग-दोष दूर हो जाते हैं और जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है. साथ ही ऐसे लोग जिनपर शनि की अशुभ दृष्टि जैसे शनि दोष, साढ़े साती और ढैय्या आदि चल रही होती है, वे अगर हनुमान जयंती के दिन व्रत रखकर हनुमान जी की पूजा करें तो शनि का प्रभाव कम होता है.
इस दिन चुटकी भर सिंदूर से कुछ उपाय कर समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है.
हनुमान जयंती के दिन 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें. बेहतर होगा कि हनुमान मंदिर में जाकर संकटमोचक की मूर्ति के सामने बैठकर पाठ करें. ऐसा करने से शनि की ढैय्या या साढ़े साती तक से पीड़ित जातकों को काफी राहत मिलेगी.
हनुमान जयंती के दिन 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें. बेहतर होगा कि हनुमान मंदिर में जाकर संकटमोचक की मूर्ति के सामने बैठकर पाठ करें. ऐसा करने से शनि की ढैय्या या साढ़े साती तक से पीड़ित जातकों को काफी राहत मिलेगी.
हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी की पूजा विधि-विधान से करना शुभ होता है। इसलिए पूजा करने से पहले ये सामग्री ले लें। एक चौकी, एक लाल कपड़ा, हनुमान जी की मूर्ति या फोटो, एक कप अक्षत, घी से भरा दीपक, फूल, चंदन या रोली, गंगाजल, तुलसी की पत्तियां, धूप, नैवेद्य (गुड और भुने चने)
हनुमान जयंती भगवान हनुमानजी के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है। इस दिन भक्तगण बजरंगबली के नाम का व्रत रखते हैं. प्रत्येक वर्ष हनुमान जयंती चैत्र मास (हिन्दू माह) की पूर्णिमा को मनाई जाती है. इस साल हनुमान जयंती 6 अप्रैल 2023, को मनाई जाएगी.
हनुमान जयंती यानि हनुमान महोत्सव पर शाबर मंत्र का पाठ उत्तम माना गया है. इस मंत्र को सबसे सुरक्षित मंत्र माना गया है. ये सबसे आसान और सबसे सुरक्षित होने के कारण ये अधिक लोकप्रिय हैं. इन मंत्रों को वैदिक मंत्रों की तरह लंबी साधना की जरूरत नहीं होती और न ही तांत्रिक मंत्रों की तरह जटिल होते हैं. शाबर मंत्र की विशेष बात यह है कि यह जिस इष्ट के लिए पढ़ा जा रहा है. उनके भी ईष्ट की दुहाई इन मंत्रों में दी जाती है. यानी उन्हें उनके इष्ट का वास्ता दिया जाता है कि आपको आपके इष्ट का वास्ता कि मेरी प्रार्थना आप जल्द से स्वीकार करें.
भक्त सुबह जल्दी स्नान करते हैं और भगवान हनुमान की मूर्ति की पूजा करते हैं, वे उपवास रखते हैं और भगवान को चावल, फूल और प्रार्थना करने के लिए मंदिर जाते हैं. वे भगवान हनुमान को लाल सिंदूर भी चढ़ाते हैं.
ॐ श्री हनुमते नमः॥
ॐ आंजनेय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि।
तन्नो हनुमत प्रचोदयात॥
मनोजवम मरुततुल्यवेगम जितेंद्रियं बुद्धिमतं वरिष्टम्।
वतात्मजं वानरायुथामुख्यं श्रीरामदूतम् शरणं प्रपद्ये॥
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हनुमान जयंती के दिन तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए.
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हनुमान जयंती के दिन बंदरों के साथ-साथ किसी भी जानवर को परेशान या नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए.
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हनुमान जयंती के दिन शराब या नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए.
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इस दिन लोगों से लड़ाई-झगड़े, गाली-गलौज से बचें
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मांसाहारी भोजन का त्याग करना चाहिए.
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हनुमान जयंती के दिन बंदरों को गुड़ खिलाना बहुत शुभ माना जाता है
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हनुमान जयंती के दिन दान करना शुभ बताया गया है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन दान करने से आपकी परेशानियां दूर होती हैं और सुख-शांति का जीवन व्यतीत होता है.
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भगवान हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाएं.
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हनुमान जयंती के दिन सभी को ब्रह्मचर्य का पालन अवश्य करना चाहिए, विशेषकर साधक को.
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हनुमान जी की पूजा में लाल रंग के फूल, शुद्ध देसी घी या तिल के तेल का प्रयोग करना चाहिए.
भक्त सुबह जल्दी स्नान करते हैं और भगवान हनुमान की मूर्ति की पूजा करते हैं, वे उपवास रखते हैं और भगवान को चावल, फूल और प्रार्थना करने के लिए मंदिर जाते हैं. वे भगवान हनुमान को लाल सिंदूर भी चढ़ाते हैं.
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हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए चौमुखी दीपक जलाएं. इसके अलावा हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें.
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हनुमान जी की पूजा में गेंदे, हजारा, कनेर, गुलाब के फूल चढ़ाएं जबकि जूही, चमेली, चम्पा, बेला इत्यादि फूलों को चढ़ाने से परहेज करें.
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मालपुआ, लड्डू, चूरमा, केला, अमरूद आदि का भोग लगाएं.
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हनुमान जी की प्रतिमा के सामने घी का दीपक जलाएं.
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दोपहर तक इस दिन कोई भी नमकीन चीज खाने से बचें.
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इस दिन हनुमान जी को सिंदूर का चोला चढ़ाने से शीघ्र मनोकामना की पूर्ति होती है.
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6 अप्रैल को हनुमान जयंती के दिन सुबह 06:06 से 07:40 के बीच में पूजा कर सकते हैं. उसके बाद आप दोपहर 12:24 से 01:58 के बीच भी पूजा कर सकते हैं. जो लोग शाम को पूजा करना चाहते हैं वे शाम को 05.07 से 08.07 के बीच कर सकते हैं.
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हनुमान जयंती के दिन अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक है.
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को संकटमोचन राम भक्त हनुमान का जन्म (Lord Hanuman Birth) हुआ था. इस बार हनुमान जयंती 6 अप्रैल को मनाई जा रही है. राम भक्त हनुमान की इस दिन विशेष पूजा अर्चना करने का विधान है. जानें हनुमान जी की पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, पूजा के विशेष नियम. मंत्र के साथ यह भी जान लें कि हनुमान जी की पूजा करते समय किन बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है. जानें क्या करें और क्या नहीं.