Hanuman Jayanti 2024: इस दिन मनाई जाएगी हनुमान जयंती, जानें बजरंग बड़ी से जुड़ी रोचक बातें

Hanuman Jayanti 2024: हनुमान जयंती 23 अप्रैल को मनाई जाएगी. इस दिन मंगलवार भी है और ये दिन भी बजरंगबली को समर्पित है. जानें हनुमान जी से जुड़ी रोचक जानकारियां

By Shaurya Punj | April 11, 2024 1:12 PM

Hanuman Jayanti 2024: हिंदू धर्म में हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व है. बजरंग बली के जन्मदिन को हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है. हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है. इस साल हनुमान जयंती 23 अप्रैल को मनाया जाएगा. यहां जानिए बजरंग बड़ी से जुड़ी रोचक बातें

ऐसे पड़ा हनुमान जी का बजरंगबली नाम

हनुमान जी को बजरंगबली नाम से भी जाना जाता है. इस नाम के पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है. एक बार सीता जी को सिंदूर लगाते हनुमान जी ने देख लिया, तो उन्होंने पूछा की वो सिंदूर क्यों लगाती हैं, तो इस पर सीता जी ने बताया कि श्री राम उनके पति हैं इसलिए उनकी लंबी उम्र के लिए वो सिंदूर लगाती हैं. इस पर हनुमान जी ने कहा अगर थोड़े से सिंदूर से श्रीराम की उम्र बढ़ सकती है, तो ऐसे में अगर वो पूरे शरीर पर सिंदूर लगा लें तो श्री राम की उम्र और भी लंबी हो सकती है. सिंदूर को बजरंग भी कहा जाता है, इसलिए हनुमान जी को बजरंग बली कहा जाने लगा.

भगवान शिव के अवतार थे हनुमान जी

आपको बता दें हनुमान जी को भगवान शिव का अवतार माना जाता है. आपको बता दें हनुमान जी को पवन पुत्र भी कहा जाता है. हनुमान जी को शिवजी का अंश माना जाता है. कहा जाता है कि जब पृथ्वी लोक में राम जी ने अवतार लिया तो शिवजी ने उनका साथ देने के लिए हनुमानजी का रूप लिया.

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ब्रह्मचारी होने के बावजूद एक पुत्र के पिता थे हनुमानजी

आपको ये जानकर हैरत होगी कि हनुमान जी ब्रह्मचारी थे, पर एक बेटे के पिता भी थे. हनुमान जी के पुत्र का नाम मकरध्वज, जिसका जन्म मछली के पेट से हुआ था. पूरी लंका को जलाने के बाद बाद अपने शरीर को ठंड़ा करने के लिए समुद्र में डुबकी लगाई. हनुमान जी के शरीर से पसीना निकला तो उसे एक मछली ने निगल ली, इसके बाद उससे मकरध्वज का जन्म हुआ.

कैसे सूजा हनुमान जी का जबड़ा, और पड़ा नाम

हनुमान जी का जबड़ा बचपन से सूजा नहीं था. असल में बालपन में सूर्य को फल समझकर हनुमान जी निगलने वाले थे, ऐसे में इंद्र ने सूर्य को हनुमान से मुक्त करने के लिए वज्र से प्रहार किया और इससे हनुमान जी का जबड़ा सूज गया.

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