लाइव अपडेट
चुपके से चांद की रौशनी छू जाए आपको . . .
चुपके से चांद की रौशनी छू जाए आपको
धीरे से ये हवा कुछ कह जाए आपको
दिल से जो चाहते हो मांग लो खुदा से
हमारी दुआ हैं इस ईद वो मिल जाए आपको
आप सभी को ईद-उल-अजहा मुबारक
तमन्ना आपकी सब पूरी हो जाए. . .
तमन्ना आपकी सब पूरी हो जाए,
हो आपका मुकद्दर इतना रोशन की,
आमीन कहने से पहले ही आपकी हर दुआ कबूल हो जाए।।
Happy Eid Ul Adha 2020
कोई इतना चाहे हमें तो बताना . . .
कोई इतना चाहे हमें तो बताना,
कोई तुम्हारी फिक्र करे तो बताना।
ईद मुबारक तो हर कोई कह देगा,
कोई हमारे अंदाज में कहे तो बताना।
ईद-उल-अजहा मुबारक
तमन्ना आपकी सब पूरी हो जाए . . .
तमन्ना आपकी सब पूरी हो जाए,
हो आपका मुकद्दर इतना रोशन की,
आमीन कहने से पहले ही आपकी हर दुआ कबूल हो जाए
ईद-उल-अजहा मुबारक
खुदा आपको अता करें . . .
खुदा आपको अता करें
सेहत, रहमत, नेमत, इज्जत, दौलत
शोहरत, सलामति और खुशियां बेहिसाब
बकरीद 2020 की मुबारकबाद
हवा को खुशबू मुबारक . . .
हवा को खुशबू मुबारक
फिज़ा को मौसम मुबारक
दिलों को प्यार मुबारक
आपको हमारी तरफ से बकरीद मुबारक
Happy Bakrid 2020
फर्ज-ए-कुर्बानी की खास है परंपरा
बकरीद का दिन फर्ज-ए-कुर्बानी का दिन होता है. इस्लाम में मुस्लिमों और गरीबों का खास ध्यान रखने की परंपरा है. इस वजह से बकरीद पर गरीबों का विशेष ध्यान रखा जाता है. इस दिन कुर्बानी के बाद गोश्त के तीन हिस्से किए जाते हैं. इन तीन हिस्सों में खुद के लिए एक हिस्सा रखा जाता है, एक हिस्सा पड़ोसियों और रिश्तेदारों को बांटा जाता है और एक हिस्सा गरीब और जरूरतमंदों को बांट दिया जाता है.
ऐसे शुरू हुई कुर्बानी
अल्लाह का हुकुम मानते हुए हजरत इब्राहिम जैसे ही अपने बेटे की गर्दन पर वार करने गए, अल्लाह ने उसे बचाकर एक बकरे की कुर्बानी दिलवा दी. तभी से इस्लाम धर्म में बकरीद मनाने का प्रचलन शुरू हो गया.
क्यों मनाई जाती है बकरीद
इस्लाम की पवित्र पुस्तक कुरान में बकरीद का स्पष्ट वर्णन मिलता है. ऐसा बताया जाता है कि अल्लाह ने एक दिन हजरत इब्राहिम से सपने में उनकी सबसे प्रिय चीज की कुर्बानी मांगी. हजरत इब्राहिम अपने बेटे से बहुत प्यार करते थे, लिहाजा उन्होंने अपने बेटे की कुर्बानी देने का फैसला किया.