Happy Raksha Bandhan: 474 साल बाद बन रहा ऐसा संयोग, श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन जरूर करें ये काम

Raksha Bandhan 2021: इस बार श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि पर विशेष योग बन रहा है. ज्योतिष गणना के अनुसार ऐसा संयोग 474 साल बाद बन रहा है. इस बार रक्षाबंधन पर चंद्रमा और गुरु कुंभ राशि में उल्टी चाल चलेंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 20, 2021 9:31 AM

Raksha Bandhan 2021: इस बार श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि पर विशेष योग बन रहा है. ज्योतिष गणना के अनुसार ऐसा संयोग 474 साल बाद बन रहा है. इस बार रक्षाबंधन पर चंद्रमा और गुरु कुंभ राशि में उल्टी चाल चलेंगे. गुरु और चंद्रमा की इस युति से रक्षाबंधन पर गजकेसरी योग का निर्माण हो रहा है. इस बार रक्षाबंधन का त्योहार शोभन, अमृत और गजेसरी योग में मनेगा. ज्योतिष शास्त्र में इस संयोग को बहुत ही अधिक शुभ माना गया है.

श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है. ग्रंथों में सावन मास की पूर्णिमा तिथि को पुण्य प्रदायक, पाप नाशक और विष तारक या विष नाशक भी माना जाता है, जो खराब कर्मों का नाश करता है. इस दिन 6 कार्य अनिवार्य रूप से करनी चाहिए.

रक्षा बंधन का त्योहार : श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि 22 अगस्त को पड़ रहा है. इस दिन रक्षा बंधन का पर्व मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई में रक्षा सूत्र बांधतीं हैं.

जनेऊ बदलनी चाहिए : इस दिन उत्तर भारत में जनेऊ बदलने का कार्य भी होता है, जिसे श्रावणी उपाकर्म कहते हैं. दक्षिण भारत में इसे अबित्तम के नाम से जाना जाता है. श्रावणी उपाकर्म में यज्ञोपवीत पूजन और उपनयन संस्कार करने का विधान है.

तर्पण कर्म : इस दिन पितरों के निमित्त तर्पण अर्पण भी किया जाता है. श्रावणी उपाकर्म में पाप-निवारण के लिए पातकों, उपपातकों और महापातकों से बचने, परद्रव्य अपहरण न करने, परनिंदा न करने, आहार-विहार का ध्यान रखने, हिंसा न करने, इंद्रियों का संयम करने एवं सदाचरण करने की प्रतिज्ञा ली जाती है.

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स्नान और दान : इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने का विधान है. श्रावण पूर्णिमा पर परंपरागत ढंग से तीर्थ अवगाहन, दशस्नान, हेमाद्रि संकल्प एवं तर्पण आदि कर्म किए जाते हैं. श्रावण पूर्णिमा में दान करने का भी महत्व है. इस दिन दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है.

व्रत: इस दिन व्रत करने का भी बहुत महत्व रहता है. उत्तर और मध्य भारत में महिलाएं उपवास रखती हैं और अपने बेटे की लंबी उम्र की कामना करती हैं. इसीलिए इसे उत्तर भारत में कजरी पूनम भी कहते हैं.

इनकी करें पूजा: इस दिन शिव, पार्वती, श्रीकृष्ण, हनुमानजी, चंद्रमा, विष्णुजी और माता लक्षमीजी की पूजा की जाती है. मान्यता है की रक्षाबंधन के दिन विधि-विधान से इनकी पूजा करने पर सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते है.

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Posted by: Radheshyam Kushwaha

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