वट पूर्णिमा की कथा: वट पूर्णिमा या वट सावित्री के त्योहार पर सती सावित्री की कथा याद की जाती है.महाभारत के इस प्रसिद्ध किस्से में सावित्री अपने पति सत्यवान की आत्मा को यमराज से वापस लाने के लिए प्रयासरत रहीं. उनकी अद्वितीय प्रेम और समर्पण ने यमराज को प्रभावित किया, जिससे वह उन्हें तीन वरदान देने से राजी हो गए. इस पर्व में पत्नी का पति के प्रति स्नेह और समर्पण का महत्व माना जाता है, जो ध्यान, पूजा और व्रत के रूप में मनाया जाता है. यहां देखें वट पूर्णिमा की शुभकामनाएं
वट पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं
मेहंदी का रंग आपके प्रेम की गहराई बताएगा,
माथे पर सजा सिन्दूर आपकी प्रार्थनाओं का असर दिखाएगा
गले का मंगलसूत्र,
हमारे अटूट बंधन की गवाही दैगा …
वट पूर्णिमा की शुभकामनाएं
सौभाग्य, आरोग्य एवं दीर्घायु का,
वरदान देने वाले पावन पर्व,
वट पूर्णिमा व्रत की शुभकामनाएं
वट पूर्णिमा की बधाई
खुशियों से भरा रहे हर दिन हर क्षण सर्व,
वट पूर्णिमा में है अनमोल मिठास,
पतिव्रता का संकल्प और प्रेम का विश्वास,
वट वृक्ष के नीचे तुम्हारी हर प्रार्थना फलित हो
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वट पूर्णिमा की मंगलमाकमनाएं
हमारे जीवन में बस खुशियों का हो बसेरा,
वट पूर्णिमा का व्रत लाए तुम्हारे लिए हजार साल की आयु,
तुम्हारे संग मेरा जीवन हो सुखमय और खुशियों भरा,
प्रेम और भक्ति का यह पर्व हमेशा रहे संजीवनी,
सुख-शांति और समृद्धि से भरे हमारे हर दिन की कहानी।
वट पूर्णिमा शुभ हो
तुम्हारे साथ हर पल है वट पूर्णिमा का उत्सव,
तुम्हारे संग मेरा जीवन है प्रेम का अनमोल सफर।
वट पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएँ,
प्रेम और भक्ति का यह पर्व हम सदा संग मनाएँ।