Hariyali Amavasya 2022: हरियाली अमावस्या 2022 श्रावण मास (Shravan Maas) की अमावस्या को कहते हैं. हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) पर सुबह उठकर भक्त पूरी भक्ति के साथ देवी पार्वती और भगवान शिव का आह्वान करते हैं. विवाहित महिलाएं सिंदूर से देवी पार्वती की पूजा शुरू करती हैं और फिर प्रसाद बांटती हैं. ऐसा माना जाता है कि हरी चूड़ियां, सिंदूर, बिंदी बांटने से जीवनसाथी को लंबी उम्र मिलती है और घर में खुशियां भी आती हैं. हरियाली अमावस्या के दिन भक्त पीपल और तुलसी के पेड़ों की भी पूजा करते हैं. इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है और परिक्रमा की जाती है और मालपुआ को प्रसाद के रूप में चढ़ाने की परंपरा है. आगे पढ़ें हरियाली अमावस्या 2022 की तारीख (Hariyali Amavasya 2022 Date), समय, पूजा विधि और महत्व…
हरियाली अमावस्या बृहस्पतिवार, जुलाई 28, 2022 को
अमावस्या तिथि प्रारम्भ – जुलाई 27, 2022 को 09:11 पी एम बजे
अमावस्या तिथि समाप्त – जुलाई 28, 2022 को 11:24 पी एम बजे
हरियाली अमावस्या के दिन पूर्वजों के निमित भी कुछ कार्य किये जाते हैं. इस दिन भक्त जल्दी उठकर स्नान करते हैं. इसके बाद पितरों को प्रसन्न करने के लिए पूजा विधि की जाती है और ब्राह्मणों के लिए विशेष भोजन तैयार किया जाता है.
भक्त भगवान शिव की पूजा करते हैं और उनके आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं. शिव भक्ति धन और समृद्धि से जुड़ी है.
हरियाली अमावस्या के दिन भक्त मंत्रों का जाप करते हैं और भगवान शिव के भजन गाते हैं. भगवान शिव के मंदिरों में विशेष दर्शन और अनुष्ठान होते हैं, भक्त उपवास भी रखते हैं.
हरियाली अमावास्या के दिन रुद्राभिषेक पूजा करने से, बुरी आत्माओं और नकारात्मकता को दूर किया जा सकता है.
हरियाली अमावस्या के दिन पौधे लगाने का भी विशेष महत्व है. ऐसी मान्यता है कि हरियाली अमावस्या के दिन पौधा रोप कर उसकी देखभाल कर उसे पानी और खाद देने से पुण्य की प्राप्ति होती है. वैदिक ज्योतिषियों के अनुसार स्वास्थ्य के लिए नीम, बच्चों के लिए केला, सुख के लिए तुलसी और लक्ष्मी के लिए आंवला के पौधे लगाने की परंपरा है.
धन प्राप्त के लिए: तुलसी, आंवला, बिल्वपत्र और केले के पेड़ लगाने चाहिए.
शुभ भाग्य के लिए : अर्जुन, अशोक, नारियल या वट का वृक्ष लगाएं.
अच्छे स्वास्थ्य के लिए : आंवला, पलाश, ब्राह्मी, अर्जुन, तुलसी और सूरजमुखी के पौधे लगाने चाहिए.
खुशी प्राप्ति के लिए: कदम्ब, नीम या छायादार पेड़ लगाने चाहिए.
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ऐसा माना जाता है कि जो लोग श्रावण मास की अमावस्या को व्रत करते हैं, उन्हें धन और वैभव की प्राप्ति होती है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान कर दान करने की भी विशेष परंपरा है. हरियाली अमावस्या की कथा का भी विशेष महत्व है. अलग-अलग क्षेत्रों में मान्यताओं के अनुसार कहानियां भी अलग-अलग तरह से प्रचलित हैं. व्रत की रस्मों के साथ-साथ इसका पाठ करना चाहिए.