Hariyali Teej 2024 Vrat: हरियाली तीज का व्रत पहली बार रखने वाली नवविवाहित महिलाओं को रखना होगा इन खास बातों का ख्याल
Hariyali Teej 2024: सनातन धर्म में हरियाली तीज का विशेष महत्व है. हरियाली तीज का व्रत रखने से कुंवारी कन्याओं को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है. आइए जानते है-
Hariyali Teej 2024: श्रावण मास भगवान शिव का प्रिय महीना है. सावन मास में आने वाले व्रत और पर्व का विशेष महत्व है. इस महीने में हर सोमवार को भोलेनाथ की आराधना की जाती है. सावन सोमवार का दिन जितना प्रिय भगवान शिव को है, उतना ही मंगलवार का दिन माता पार्वती को प्रिय है. इसके साथ ही सावन मास में आने वाले सभी व्रत त्योहारों का खास महत्व होता है. इसी प्रकार इस महीने में आने वाली हरियाली तीज व्रत को भी बेहद खास बताया गया है. धार्मिक मान्यता है कि हरियाली तीज का व्रत रखने से कुंवारी कन्याओं को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है. वहीं सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए यह व्रत रखती हैं. बतादें कि अगर आपकी हाल-फिलहाल में शादी हुई है और आप पहली बार हरियाली तीज का व्रत रख रही हैं, तो कुछ जरूरी बातों और नियमों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. आइए जानते इस व्रत से जुड़ी नियम और महत्व…
व्रत से एक दिन पहले मेंहदी जरूर लगाएं
हरियाली तीज का पर्व सुहागिन महिलाओं के लिए खास माना गया है. इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं और विधि विधान से भगवान शिव और माता पार्वती जी की पूजा करती हैं. इस पर्व पर मेंहदी का विशेष महत्व बताया गया है. यह नव विवाहित महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वैवाहिक जीवन की शुरुआत का प्रतीक है.
हरे रंग के वस्त्र जरूर पहनें
श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरियाली तीज का पर्व आता है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है. हरियाली तीज व्रत जीवन, उर्वरता, और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. ऐसे में इस दिन नवविवाहित महिलाओं को हरे रंग की साड़ी या सूट पहनना चाहिए. इस दिन महिलाओं को सोलह श्रृंगार कर पूजा करना चाहिए.
हरियाली तीज पर रखा जाता है निर्जला व्रत
हरियाली तीज व्रत बिना कुछ खाए-पिए रखा जाता है. इस दिन रात को चांद की पूजा करने के बाद ही व्रत खोला जाता है. अगर आप किसी भी वजह से निर्जला व्रत रखने में सक्षम नहीं है, तो फलाहार व्रत रखने का संकल्प लें.
क्यों करना चाहिए सोलह श्रृंगार?
माता पार्वती को स्त्रीत्व और सुहाग की देवी माना जाता है और 16 श्रृंगार को उनका प्रतीक माना गया है. हरियाली तीज पर जब आप माता पार्वती की पूजा करती हैं तो 16 श्रृंगार करना ना भूलें. इससे आपके जीवन में सुख-समृद्धि आती है.
हरियाली तीज व्रत कथा जरूर पढ़ें
हरियाली तीज का व्रत रखकर इस दिन विधि विधान से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने के साथ ही तीज की कथा जरूर पढ़ना या सुनना चाहिए. इससे आपका वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है. ऐसी मान्यता है कि जो महिलाएं व्रत कथा सुनती व पढ़ती हैं, उन्हें अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है, इसके साथ ही वैवाहिक जीवन भी सुखमय रहता है.
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व्रकी सुहाग का सामान करें भेंट
हरियाली तीज व्रत में सुहागिन महिलाएं पूजा के बाद माता रानी को चढ़ाया हुआ सिंदूर मांग में भरें और पति की लंबी आयु की कामना करें. इस दिन स्त्रियां अपनी सास या सास के समान किसी महिला को सुहाग का सामान भेंट करती है.
रात को चंद्रमा को दें अर्घ्य
हरियाली तीज व्रत का पारण रात में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही किया जाता है. वहीं कई महिलाएं अगले दिन सूर्योदय के बाद शुभ मुहूर्त में व्रत खोलती हैं. व्रत पारण में पूजा में भोग लगाया हुआ प्रसाद सबसे पहले ग्रहण किया जाता है, इसके बाद ही भोजन किया जाता है.
पति की लम्बी आयु के लिये रखा जाता है व्रत
हरियाली तीज का त्योहार सुहागिन महिलाओं के लिए खास महत्व रखता है. इस दिन महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा पहनकर, मेहंदी लगाकर और पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि और पति की लंबी आयु की कामना करती हैं. नवविवाहिताओं के लिए मेहंदी का विशेष महत्व होता है. यह उनके सुहाग और वैवाहिक जीवन की शुरुआत का प्रतीक है.
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