Hartalika Teej 2020 Me Kab Hai : रात में कैसे करें हरितालिका तीज की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस व्रत से जुड़ी पूरी जानकारी
Hartalika Teej 2020 Me Kab Hai, Date Time, Vrat Vidhi, Puja Vidhi, Vrat Katha: हरितालिका तीज का व्रत करवा चौथ व्रत से भी कठिन माना जाता है, क्योंकि यह व्रत निर्जला रखा जाता है. इस व्रत को करने से पहले आपको इस व्रत की संपूर्ण पूजा विधि अवश्य ही जान लेनी चाहिए. हरितालिका तीज भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है, इस साल हरितालिका तीज 21 अगस्त को पड़ रही है. शास्त्रों के अनुसार हरितालिका तीज को सबसे बड़ी तीज माना जाता है.
Hartalika Teej 2020 Me Kab Hai, Date Time, Vrat Vidhi, Puja Vidhi, Vrat Katha: हरितालिका तीज का व्रत करवा चौथ व्रत से भी कठिन माना जाता है, क्योंकि यह व्रत निर्जला रखा जाता है. इस व्रत को करने से पहले आपको इस व्रत की संपूर्ण पूजा विधि अवश्य ही जान लेनी चाहिए. हरितालिका तीज भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है, इस साल हरितालिका तीज 21 अगस्त को पड़ रही है. शास्त्रों के अनुसार हरितालिका तीज को सबसे बड़ी तीज माना जाता है. इस व्रत को रखने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. हरितालिका तीज का व्रत सुहागिनों के अलावा कुंवारी कन्याएं रखती हैं. हरितालिका तीज में भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है. आइए जानते हैं हरतालिका तीज की संपूर्ण पूजा विधि…
हरितालिका तीज 2020 शुभ मुहूर्त (Hartalika Teej 2020 Subh Muhurat)
– हरितालिका तीज पूजा मुहूर्त सुबह 5 बजकर 54 मिनट से सुबह 8 बजकर 30 मिनट तक.
– शाम को हरितालिका तीज पूजा मुहूर्त शाम 6 बजकर 54 मिनट से रात 9 बजकर 6 मिनट तक.
– तृतीया तिथि प्रारंभ 21 अगस्त की रात 2 बजकर 13 मिनट से.
– तृतीया तिथि समाप्त 22 अगस्त रात 11 बजकर 2 मिनट तक.
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हरितालिका तीज पूजा विधि (Hartalika Teej 2020 Puja Vidhi)
– हरतालिका तीज पर बालू रेत से भगवान गणेश, भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा बनाएं.
– प्रतिमा बनाने के बाद भगवान गणेश, भगवान शिव और माता पार्वती को एक चौकी पर स्थापित कर दें.
– इसके बाद उस चौकी पर एक चावलों से अष्टदल कमल बनाएं और उस पर कलश की स्थापना करें.
– कलश की स्थापना करने से पहले उसमें जल, अक्षत, सुपारी और सिक्के डालें और उस पर आम के पत्ते रखकर उस पर नारियल भी रखें
– इसके बाद चौकी पर पान के पत्ते रखकर उस पर अक्षत रखें. इसके बाद भगवान गणेश, भगवान शिव और माता पार्वती को स्नान कराएं.
– सभी भगवानों को स्नान कराने के बाद उनके आगे घी का दीपक और धूप जलाएं, इसके बाद भगवान गणेश और माता पार्वती को कुमकुम का तिलक लगाएं और भगवान शिव को चंदन का तिलक लगाएं.
– तिलक करने के बाद सभी भगवानों को फूल व माला चढ़ाएं, इसके बाद भगवान शिव को सफेद फूल अर्पित करें.
– इसके बाद भगवान गणेश को दूर्वा और भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा, भांग और शमी के पत्ते अर्पित करें.
– भगवान शिव को यह सभी चीजें अर्पित करने के बाद भगवान गणेश और माता पार्वती को पीले चावल अर्पित करें और भगवान शिव को सफेद चावल अर्पित करें.
-इसके बाद सभी भगवानों को कलावा अर्पित करें और भगवान गणेश और भगवान शिव को जनेऊ अर्पित करें
– जनेऊ अर्पित करने के बाद माता पार्वती को श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें, इसके बाद बाद सभी भगवानों को फल अर्पित करें.
– फल अर्पित करने के बाद हरतालिक तीज की कथा पढ़े या सुने.
– इसके बाद भगवान गणेश, भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें और उन्हें मिष्ठान अर्पित करें और हाथ जोड़कर प्रणाम करें.
News posted by : Radheshyam kushwaha