Hartalika Teej 2021: भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का प्रारंभ 8 सितंबर, दिन बुधवार की देर रात 2 बजकर 32 मिनट पर होगा. यह तिथि 09 सितंबर को रात 12 बजकर 17 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. ऐसे में हरतालिका तीज का व्रत उदया तिथि में 09 सितंबर को रखा जाएगा. भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत कर सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए भगवान शिव से कामना करती है.
-
हरतालिका तीज की पूजा के दो शुभ मुहूर्त बन रहे हैं. पहला शुभ मुहूर्त सुबह के समय और दूसरा प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के बाद बन रहा है.
-
सुबह का मुहूर्त- सुबह 06 बजकर 03 मिनट से सुबह 08 बजकर 33 मिनट तक हरतालिका तीज की पूजा का शुभ मुहूर्त है. पूजा के लिए आपको कुल समय 02 घंटे30 मिनट का समय मिलेगा.
-
प्रदोष काल पूजा मुहूर्त- शाम को 06 बजकर 33 मिनट से रात 08 बजकर 51 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त है.
-
हरितालिका तीज में श्रीगणेश, भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है.
-
सबसे पहले मिट्टी से तीनों की प्रतिमा बनाएं और भगवान गणेश को तिलक करके दूर्वा अर्पित करें.
-
इसके बाद भगवान शिव को फूल, बेलपत्र और शमिपत्री अर्पित करें और माता पार्वती को श्रृंगार का सामान अर्पित करें.
-
तीनों देवताओं को वस्त्र अर्पित करने के बाद हरितालिका तीज व्रत कथा सुनें या पढ़ें.
-
इसके बाद श्रीगणेश की आरती करें और भगवान शिव और माता पार्वती की आरती उतारने के बाद भोग लगाएं.
गीली काली मिट्टी या बालू, बेलपत्र, शमी पत्र, केले का पत्ता, धतूरे का फल एवं फूल, आंक का फूल, मंजरी, जनेऊ, वस्त्र, फल एवं फूल पत्ते, श्रीफल, कलश, अबीर,चंदन, घी-तेल, कपूर, कुमकुम, दीपक, फुलहरा, विशेष प्रकार की 16 पत्तियां और 2 सुहाग पिटारा
Also Read: इन चीजों के बिना अधूरी रह जाएगी हरतालिका तीज का व्रत, जानें पूजा विधि, व्रत नियम और जरूरी पूजन सामग्री
हरतालिका तीज व्रत सुहागिन महिलाएं निर्जला रखतीं है. इसके प्रत्येक पहर में भगवान शंकर की पूजा और आरती की जाती है. इस दिन घी, दही, शक्कर, दूध, शहद का पंचामृत चढ़ाया जाता है. हरतालिका तीज के दिन सुहागिन महिलाओं को सिंदूर, मेहंदी, बिंदी, चूड़ी, काजल सहित सुहाग पिटारा दिया जाता है. इस दिन विवाहित महिलाओं के व्रत रखने से उनके पति की आयु लंबी होती है, और उनके दाम्पत्य जीवन में खुशहाली आती है.
हरतालिका तीज व्रत करने से पति को लंबी आयु प्राप्त होती है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से सुयोग्य वर की भी प्राप्ति होती है. संतान सुख भी इस व्रत के प्रभाव से मिलता है.
संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष एवं रत्न विशेषज्ञ
मोबाइल नंबर- 8080426594-9545290847
Posted by: Radheshyam Kushwaha