Happy Holi 2022: यहां जानें होली पूजन का सबसे अच्छा मुहूर्त, जानें होलिका दहन का शुभ मुहूर्त व अवधि
Happy Holi 2022: ज्योतिष के अनुसार पूर्णिमा तिथि 17 मार्च 2022 को दोपहर 01:29 बजे से शुरू होकर 18 मार्च दोपहर 12:52 मिनट तक रहेगी.
Happy Holi 2022: फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होली का त्योहार मनाया जाता है.इसके अगले दिन चैत्र मास की प्रतिपदा तिथि को रंग वाली होली खेली जाती है.इस साल होलिका दहन 17 मार्च 2022 को मनाया जाएगा. रंगवाली होली 18 मार्च 2022 को खेली जाएगी. होलिका दहन (Holika Dahan 2022) बुराई पर अच्छाई की जीत के पर्व के रूप में मनाया जाता है. होलिका दहन से आस-पास की नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है.
Holika Dahan 2022 Shubh Muhurat: होलिका दहन का शुभ मुहूर्त जानें
ज्योतिष के अनुसार पूर्णिमा तिथि 17 मार्च 2022 को दोपहर 01:29 बजे से शुरू होकर 18 मार्च दोपहर 12:52 मिनट तक रहेगी.
जबकि 17 मार्च को ही 01:20 बजे से भद्राकाल शुरू हो जाएगा और देर रात 12:57 बजे तक रहेगा. ऐसे में भद्राकाल होने के कारण शाम के समय होलिका दहन नहीं किया जा सकेगा.
चूंकि होलिका दहन के लिए रात का समय उपर्युक्त माना गया है, ऐसे में 12:57 बजे भद्राकाल समाप्त होने के बाद होलिका दहन संभव हो सकेगा.
रात के समय होलिका दहन करने के लिए शुभ समय 12:58 बजे से लेकर रात 2:12 बजे तक है. इसके बाद ब्रह्म मुहूर्त की शुरुआत हो जाएगी.
Holi 2022: पूर्णिमा तिथि 2022 आरंभ कब होगी
पूर्णिमा तिथि 17 मार्च को दोपहर 01 बजकर 29 मिनट से शुरू होगी, जो कि 18 मार्च को दोपहर 12 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगी.
Holi 2022: शुभ मुहूर्त
होलिका दहन 17 मार्च, गुरुवार को है.होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात 09 बजकर 06 मिनट से रात 10 बजकर 16 मिनट तक रहेगा.अवधि 01 घंटे 10 मिनट की है.रंग वाली होली 18 मार्च 2022 को है.इस दिन भद्रा पूंछ रात 09 बजकर 06 मिनट से रात 10 बजकर 16 मिनट तक रहेगा.भद्रा मुख रात 10 बजकर 16 मिनट से लेकर 18 मार्च की दोपहर 12 बजकर 13 मिनट तक है.
होली पर बनने वाले शुभ योग (Holi 2022 Shubh Yog)
इस साल होली का त्योहार काफी खास होने वाला है. होली पर इस साल कई शुभ योग बनने जा रहे हैं. इस साल होली पर वृद्धि योग, अमृत योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और ध्रुव योग बनने जा रहा है. इसके अलावा, बुध-गुरु आदित्य योग भी बन रहा है. बुध-गुरु आदित्य योग में होली की पूजा करने से घर में सुख और शांति का वास होता है.