Holika Dahan 2024: आज होलिका दहन किया जाना है. होलिका दहन कब किया जाएगा, किस समय करना शुभ रहेगा, इसे लेकर लोगों के मन में दुविधा की स्थिति बनी हुई है. क्योंकि इस समय भद्रा काल है. भद्रा काल में होलिका दहन करना अशुभ माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भद्रा काल में किसी भी प्रकार के शुभ कार्य करने की मनाही है. ज्योतिष में भद्रा काल को अशुभ काल कहा जाता है. आइए जानते है होलिका जलाने का सही समय कब है…
भूलकर भी भद्रा काल में न करें होलिका दहन
होलिका दहन फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि और प्रदोष काल में करने की परंपरा है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भद्रा रहित, प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा तिथि होलिका दहन के लिए उत्तम मानी जाती है. अगर भद्रा रहित, प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा का अभाव हो, लेकिन भद्रा मध्य रात्रि से पहले ही समाप्त हो जाए तो प्रदोष काल के पश्चात जब भद्रा समाप्त हो तब होलिका दहन करना चाहिए. धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार भद्रा मुख में किया गया होली दहन अनिष्ट का स्वागत करने के जैसा माना जाता है.
होलिका दहन के लिए शुभ समय
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत आज सुबह 9 बजकर 54 मिनट से हो चुकी है. पूर्णिमा तिथि की समाप्ति 25 मार्च 2024 को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर होगी. होलिका दहन आज प्रदोष काल में करना चाहिए, लेकिन भद्रा काल लगने के कारण होलिका दहन के समय में कुछ परिवर्तन हुआ है. इस बार होलिका आज रात में किया जाएगा. होलिका दहन का शुभ मुहूर्त देर रात 11 बजकर 13 मिनट से लेकर 12 बजकर 27 मिनट तक है. होलिका दहन करने के लिए शुभ समय 1 घंटे 14 मिनट तक है.
होलिका दहन से निकली लौ बताएगी कैसा बीतेगा साल
होलिका दहन की आग से उठने वाली लौ की दिशा से तय होता है कि साल के आगामी दिनों का भविष्य कैसा रहेगा. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार आज 9 बड़े शुभ योग में होलिका जलेगी. होलिका दहन के समय अग्नि की लौ या धुआं संकेत देता है कि आने वाला भविष्य आपके लिए कैसा रहेगा. इसलिए अगर आप भी होलिका दहन की लौ पर नजर रखें रहेंगे तो काफी कुछ जान सकेंगे.
होली पूजन की सामग्री
होलिका दहन से पहले होली पूजन करने की परंपरा है. होलिका पूजा के लिए कुछ विशेष सामग्री के बगैर बिल्कुल अधूरा माना जाता है. इसमें एक लोटा जल, गोबर के उपलों से बनी माला, रोली, अक्षत, अगरबत्ती, फल, फूल, मिठाई, कलावा, बताशा, गुलाल पाउडर, नारियल, हल्दी की गांठ, मूंग दाल और साबुत अनाज पूजा की थाली में जरूर शामिल करें.