IITian Baba: प्रयागराज के महाकुंभ 2025 में एक प्रमुख हस्ती, आईआईटी बॉम्बे के स्नातक अभय सिंह, को अनुशासन संहिता का उल्लंघन करने के कारण जूना अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया है. महाकुंभ के दौरान अचानक चर्चा में आए आईआईटी बाबा के नाम से जाने जाने वाले अभय सिंह को उनके गुरु महंत सोमेश्वर पुरी के प्रति अपमानजनक भाषा का प्रयोग करने के आरोप में हटाया गया है.
इंस्टाग्राम पर एक लाख से अधिक फॉलोवर्स
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में आईआईटी बॉम्बे से स्नातक कर चुके सिंह, जो अब एक संत बन चुके हैं, के इंस्टाग्राम पर एक लाख से अधिक फॉलोवर्स हैं और वे एक उभरते हुए आध्यात्मिक व्यक्तित्व के रूप में जाने जाते हैं. उन्होंने कुंभ में काफी ध्यान आकर्षित किया.
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अभय सिंह के विषय में चर्चा करते हुए जूना अखाड़े के सचिव महंत डॉ. करणपुरी महाराज ने कहा, ”वह ऐसे ही मवाली और आवारा आदमी था. कोई साधु नहीं था. जगह-जगह रुकता खाता था और टीवी पर कुछ भी बक देता था. बहुत ही गलत व्यक्ति था, हम लोगों ने उसे मारकर भगा दिया, क्योंकि अखाड़े को बदनाम कर रहा था. वह अखाड़े में घूमते हुए आया था और किसी का चेला भी नहीं था. उसे सोमेश्वर पुरी का नाम सुना था और बस सुना-सुनाया नाम लेकर जगह-जगह घूम रहा था.” महराज ने आगे बताया कि वह (आईआईटियन बाबा) खाने-पीने के बाद भाग जाता था. वह हर दृष्टि से आवारा था. वह एक महा मवाली, गलत स्वभाव वाला और चालाक व्यक्ति था. जब सभी को उसकी वास्तविकता का पता चला, तो वे सतर्क हो गए और उसे अपने पास आने नहीं दिया, अंततः उसे भगा दिया गया.
सिंह को अब अखाड़े के शिविर और उसके आस-पास के क्षेत्र में प्रवेश करने से रोक दिया गया है. अखाड़े ने यह स्पष्ट किया है कि गुरु के प्रति समर्पण और अनुशासन संन्यास के मूलभूत सिद्धांत हैं. जूना अखाड़े के प्रमुख संरक्षक महंत हरि गिरि ने कहा, “अभय सिंह के कृत्य पवित्र गुरु-शिष्य परंपरा और संन्यास के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन करते हैं. अपने गुरु का अनादर करना सनातन धर्म और अखाड़े द्वारा बनाए गए मूल्यों का घोर अपमान है.”