India Prediction 2025: पक्ष-विपक्ष में बढ़ेगी तनातनी, भारत की ताकत देखेगी दुनिया सारी

India Prediction 2025: वर्ष 2025 की कुंडली के अनुसार, तीन महत्वपूर्ण गोचर भारत की राजनीति, अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार पर गहरा प्रभाव डालेंगे. इनमें 29 मार्च को शनि का मीन राशि में गोचर, 14 मई को गुरु का मिथुन राशि में गोचर, और 18 मई को राहु एवं केतु का कुंभ और सिंह राशि में गोचर शामिल हैं.

By Shaurya Punj | December 30, 2024 9:58 AM

स्वामी शाम ढींगरा,
ज्योतिष एवं वास्तु विशेषज्ञ

India Prediction 2025: वर्ष 2025 की कुंडली के अनुसार, तीन बड़े गोचर भारत की राजनीति, अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार पर अपना गहरा असर डालेंगे. इनमें 29 मार्च को शनि का गोचर मीन में, 14 मई को गुरु का गोचर मिथुन में, 18 मई को राहु एवं केतु का गोचर कुंभ और सिंह में मुख्य हैं. इस वर्ष के राजा मंगल होंगे, जिनका प्रभाव देश की कुंडली पर रहेगा. इस नव वर्ष में देश की जीडीपी में वृद्धि होकर 7.5 फीसदी रहने की आशा रहेगी, जो भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनायेगा. रक्षा, टेलीकॉम, और रियल एस्टेट में अप्रत्याशित तेजी की उम्मीद रहेगी. वहीं शेयर बाजार ‘लखटकिया’ हो सकता है.

देश की राजनीति, अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार

वर्ष 2025 में देश में पूर्ण ग्रहों और नक्षत्रों के सकारात्मक प्रभाव के चलते राजनीतिक स्थिरता बनी रहेगी. वर्ष की पहली तिमाही में देश की राजधानी दिल्ली में होने वाले चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को सफलता मिलने की पूरी आशा रहेगी, जिससे अब तक रुके हुए कार्य में सफलता प्राप्त होने की पूर्ण आशा रहेगी. वर्ष की अंतिम तिमाही में बिहार में भी पुन: अपने सहयोगी दलों के साथ एनडीए गठबंधन की सरकार बनती हुई दिखाई देती है.

वर्ष 2025 की कुंडली के अनुसार, दिल्ली और बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव देश के राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित करेंगे. ग्रहों के अनुकूल स्थिति के चलते भारतीय जनता पार्टी को इन चुनावों में सफलता मिलने की प्रबल संभावना है.

Stock Market 2025: नए साल में शेयर बाजार के लखटकिया होने की संभावना 

साल 2025 में ग्रहों की स्थिति को देखते हुए भारतीय राजनीति में सत्ता पक्ष और प्रभावशाली होते नजर आयेंगे. साथ ही पक्ष और विपक्ष के बीच लगातार तनातनी बढ़ती जायेगी. आरोप-प्रत्यारोप का स्तर और भी नीचे गिरता हुआ देखा जा सकता है. विपक्ष लगातार हमलावर होगा.

खासतौर जून से लेकर अक्तूबर का समय विचित्र हो सकता है, जिसमें होने वाली घटनाओं से दुनिया को हैरानी हो सकती है. दरअसल, 15 मार्च से 11 जून तक खप्पर योग बन रहा है. इसके बाद 11 जुलाई से लेकर 7 अक्तूबर तक खप्पर योग बना रहेगा.

प्राकृतिक आपदाओं, जैसे- भूकंप, महामारी, युद्ध और दंगों के कारण देश को बड़ी आर्थिक और जनहानि का सामना करना पड़ सकता है.

देश में राष्ट्रवादी भावना में वृद्धि होगी और लोग व्यक्तिगत हितों से ऊपर उठकर देशहित में योगदान देने के लिए प्रेरित हो सकते हैं. हालांकि, कुछ समूह अपने नकारात्मक एजेंडे के तहत देश को तोड़ने की कोशिश करेंगे, लेकिन उनका प्रभाव सीमित रहेगा. शनिदेव मार्च तक न्यायकारी भूमिका निभायेंगे और इसके बाद बृहस्पति देश की आंतरिक स्थिरता को मजबूती देंगे. अंततः देश विरोधी ताकतों को उनके कर्मों का उचित परिणाम भुगतना पड़ेगा.

दिख सकते हैं बड़े बदलाव

29 मार्च, 2025 को शनि ग्रह कुंभ राशि से मीन राशि में प्रवेश करेगा. इस परिवर्तन से देश और दुनिया में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं. मीन राशि 12वां भाव गुरु से संबंधित हैं और शनि यहां से लग्न, पंचम, और अष्टम भाव पर दृष्टि डालेगा. यह स्थिति देश के मूल चरित्र, रिश्तों, संतानों, शिक्षा, स्वास्थ्य, और विदेश संबंधों पर प्रतिकूल असर डाल सकती है. इसके चलते भारत में आपसी सद्भाव और शांति के बीच असंतुलन हो सकता है.

देश के भीतर गुप्त साजिशों और षड़यंत्रों के कारण अस्थिरता का माहौल बनने की संभावना है. हालांकि, पीएम मोदी की कुंडली यह संकेत देती है कि 2026 के मध्य तक उनकी नेतृत्व क्षमता शीर्ष पर रहेगी और वे ऐसा बड़ा कदम उठा सकते हैं, जो देश और दुनिया को प्रभावित करेंगे.

पर्यावरण और स्वास्थ्य

ग्रहों के अशुभ प्रभावों के चलते इस वर्ष भारत में कोई प्रमुख घटना, आपातकालीन स्थिति, या प्राकृतिक आपदा हो सकती है. इससे पर्यावरण और स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है. कहीं अकाल तो कहीं पर जल प्रलय की स्थिति भी बन सकती है. गर्मी में और जलवायु परिवर्तन की वजह से भी जनता को परेशानी हो सकती है. जगह-जगह कई तरह की प्राकृतिक आपदाएं भी आ सकती हैं.

वर्ष 2025 के राजा सूर्य होने के कारण आंखों से संबंधित रोगों में वृद्धि हो सकती है. हृदय रोगियों की संख्या में भी इस साल इजाफा होने की आशंका रहेगी. एक नयी महामारी के उभरने की संभावना बनी रहेगी.

14 मई, 2025 से गुरु ग्रह वृषभ राशि से मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे और तेज गति से विभिन्न राशियों में गोचर करेंगे. इस असामान्य चाल के कारण जलवायु में भारी बदलाव और तापमान में असामान्य वृद्धि की संभावना है. भारत के समुद्र तटीय इलाकों में रह रहे लोगों को जान-माल की बड़ी हानि उठानी पड़ सकती है. मिथुन राशि में स्थित गुरु पंचम, अष्टम, और दशम भाव को प्रभावित करेंगे, जिससे शनि के नकारात्मक प्रभाव को आंशिक रूप से कम किया जा सकेगा.

14 मई, 2025 से गुरु ग्रह वृषभ राशि से मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे और तेज गति से विभिन्न राशियों में गोचर करेंगे. इस असामान्य चाल के कारण जलवायु में भारी बदलाव और तापमान में असामान्य वृद्धि की संभावना है. भारत के समुद्र तटीय इलाकों में रह रहे लोगों को जान-माल की बड़ी हानि उठानी पड़ सकती है. मिथुन राशि में स्थित गुरु पंचम, अष्टम, और दशम भाव को प्रभावित करेंगे, जिससे शनि के नकारात्मक प्रभाव को आंशिक रूप से कम किया जा सकेगा.

तकनीकी व सैन्य क्षेत्र

राहु के कुंभ राशि में गोचर और कर्म भाव में विराजमान होने से भारत तकनीकी क्षेत्र में बड़ी प्रगति करेगा. संपूर्ण देश में विभिन्न नवीन तकनीकी और रक्षा संबंधी उद्योगों में तेजी की संभावना रहेगी. विशेष रूप से अमेरिका, फ्रांस, रूस, जर्मनी, इजरायल, दक्षिण कोरिया और चीन के तकनीकी और वित्तीय निवेश में वृद्धि होती हुई प्रतीत होती है.

अंतरिक्ष से जुड़े प्रोजेक्ट्स में अभूतपूर्व सफलताएं मिलेंगी. सैन्य शक्ति में भी उल्लेखनीय विस्तार होगा, जिससे भारत की सेना और भी सशक्त बन जायेगी. हालांकि, केतु के प्रभाव से घरेलू उद्योग में गिरावट हो सकती है. इसके साथ ही, शेयर बाजार में बड़े उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं और सोने की कीमतों में भारी उछाल आ सकता है.

क्या तीसरे विश्वयुद्ध के निकट हैं हम?

वर्तमान में दुनिया में सीरिया-रूस-यूक्रेन युद्ध और इजरायल-ईरान संघर्ष जैसी घटनाओं के चलते ज्योतिषीय गणना यह संकेत देती है कि तीसरे विश्वयुद्ध की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. भारत के संदर्भ में आर्थिक संकट का सामना करने की संभावना कम है, लेकिन वैश्विक अस्थिरता का असर यहां भी कुछेक क्षेत्रों में पड़ सकता है.

साल 2025 में अमेरिका-रूस के बीच रिश्ता और तनावपूर्ण होगा. पश्चिम एशिया और यूरोप में युद्ध की स्थिति गंभीर हो सकती है. मार्च और मई के महीने में अमेरिका, ईरान, लेबनान, सीरिया, इजरायल, चीन, सहित कई यूरोपीय देशों में स्थिति बेहद विकट हो सकती है, जिससे विश्व राजनीति पर व्यापक असर दिखेगा.

वैश्विक नेतृत्व को लेकर भारत की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है. विशेष रूप से पड़ोसी देशों, जैसे बांग्लादेश के साथ संबंधों को लेकर. बांग्लादेश में हिंदुओं को लेकर स्थिति गंभीर बनी हुई है, जिससे द्विपक्षीय संबंधों पर प्रभाव पड़ सकता है.

ग्रहों की गणना के अनुसार, भारत में स्थिरता बनी रहेगी और कूटनीतिक ताकत में वृद्धि होगी. हालांकि भारत को वैश्विक स्तर पर अपनी स्थिति को मजबूती से बनाये रखनी होगी.

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