Rath Yatra 2023 Date and Time: भगवान जगन्नाथ की स्मृति में निकाली जाने वाली ‘जगन्नाथ रथ यात्रा’ की दुनिया भर में बेसब्री से प्रतीक्षा रहती है. इस धार्मिक जुलूस को रथ महोत्सव, नवदीना यात्रा, गुंडिचा यात्रा या दशावतार के नाम से भी जाना जाता है. दिलचस्प बात यह है कि यह दुनिया की सबसे पुरानी रथ यात्राओं में से एक है और इसका उल्लेख प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है. आइए जानें इस साल भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा कब निकाली जाएगी, यहां देखें डेट और धार्मिक महत्व
भगवान जगन्नाथ का रथयात्रा महोत्सव इस साल पुरी में 20 जून 2023 को मनाया जाएगा. पंचांग के अनुसार आषाढ मास के शुक्लपक्ष की द्वितीया 19 जून 2023 को प्रात:काल 11:25 बजे प्रारंभ होकर 20 जून 2023 को दोपहर 01:07 बजे तक रहेगी. उदया तिथि के अनुसार रथ यात्रा का महोत्सव 20 जून को मनाया जाएगा.
इस जीवंत त्योहार का उत्सव काफी पहले शुरू हो जाता है. भक्त रथों का निर्माण शुरू करते हैं. फिर, इन रथों को पुरी के लोकप्रिय कलाकारों द्वारा बनाए गए सुंदर रंगों सजाया जाता है. भगवान जगन्नाथ, उनकी बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के लिए तीन रथ बनाए जाते हैं.
भगवान जगन्नाथ का रथ लगभग 16 पहियों से बना है और लगभग 45 फीट ऊंचा है. इसे नंदीघोष कहा जाता है
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देवी सुभद्रा का रथ 44.6 फीट की ऊंचाई पर है और 12 पहियों से बना है. इसे देवदलन के नाम से जाना जाता है
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भगवान बलभद्र रथ 45.6 फीट ऊंचा है और इसमें 14 पहिए हैं. इसे तलध्वज कहा जाता है.
पौराणिक मान्यता के अनुसार एक बार भगवान श्रीकृष्ण की बहन सुभद्रा ने उनसे और बलराम से नगर भ्रमण की इच्छा जताई. जिसके बाद दोनों भाई अपनी लाडली बहन सुभद्रा को लेकर नगर घूमने के लिए निकल पड़े. नगर भ्रमण के दौरान भगवान जगन्नाथ अपनी मौसी गुंडिचा के घर जाकर वहां पर 7 दिनों तक विश्राम भी करते हैं. मान्यता है कि तब से लेकर आज तक भगवान की भव्य यात्रा निकलने का क्रम जारी है. हर साल निकलने वाली रथ यात्रा में भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम का रथ सबसे आगे और उसके बाद देवी सुभद्रा का रथ होता है. इस पावन रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ का रथ सबसे पीछे चलता है.