Janmashtami 2021: आज घर-घर जन्म लेंगे यशोदानंदन, श्रीकृष्ण के इन मंत्रों से दूर हो जाते हैं बड़े-बड़े कष्ट
Janmashtami 2021: श्रीकृष्ण का मन से एक बार भी स्मरण कर लें तो जीवन की सारी दिक्कतें अपने आप ही दूर हो जाती हैं, लेकिन यहां एक बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि कन्हैया की पूजा करते समय कभी भी मन में किसी भी तरह का छल नहीं होना चाहिए, अन्यथा पूजा का फल नहीं मिलता है.
Janmashtami 2021: श्रीकृष्ण का मन से एक बार भी स्मरण कर लें तो जीवन की सारी दिक्कतें अपने आप ही दूर हो जाती हैं, लेकिन यहां एक बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि कन्हैया की पूजा करते समय कभी भी मन में किसी भी तरह का छल नहीं होना चाहिए, अन्यथा पूजा का फल नहीं मिलता है. वर्तमान में जहां कोविड जैसी महामारी से हर तरफ नकारात्मता और डर का माहौल है. ऐसे में शास्त्रीय कुछ मंत्र है, जिन्हें लेकर कहा जाता है कि ये महामारी ही नहीं जीवन के बड़े से बड़े कष्ट आसानी से दूर कर देते हैं. इन मंत्रों का जप मां द्रोपदी ने भी किया था तो आइए जानते हैं ज्योतिर्विद दैवज्ञ डॉ श्रीपति त्रिपाठी से इन मंत्रो को के बारें में…
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार अगर जीवन में कभी भी अचानक कोई बड़ी परेशानी आ जाए तो पढ़े कन्हैयाजी के इन मंत्रो को
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‘हे कृष्ण द्वारकावासिन् क्वासि यादवनन्दन।
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आपद्भिः परिभूतां मां त्रायस्वाशु जनार्दन।’
का जप करना चाहिए, लेकिन ध्यान रखें कि इसका जप करते समय मंत्र की विधि का पालन करना न भूलें. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार अचानक आई विपत्ति दूर करने के लिए बताए गये मंत्र का कम से कम से कम 108 बार स्वयं जप करना चाहिए. मान्यता है कि अगर पूरी श्रद्धा और निष्ठा से इस मंत्र का जप किया जाए तो कन्हैयाजी की कृपा मिलती है. मंत्र को सिद्ध करने के लिए कम से कम 51,000 जप व दशांश 5,100 जप अथवा आहुतियां आवश्यक हैं यदि सवा लाख जप और उसका दशांश हवन करते हैं तो इसे अति उत्तम माना गया है, लेकिन ध्यान रखें जप पूरी श्रद्धा और भाव से किया जाना चाहिए.
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार अगर किसी रोग से परेशान हों या फिर कोई बीमारी बार-बार परेशान करे तो पढ़े –
स्वास्थ्यप्राप्ति के लिए सिर पर हाथ रखकर मंत्र का 108 बार उच्चारण करें.
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अच्युतानन्त गोविन्द नामोचारणभेषजात्।
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नश्यन्ति सकला रोगाः सत्यं सत्यं वदाम्यहम्।।
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हे अच्युत! हे अनन्त! हे गोविन्द!
इस मन्त्र का नामोच्चारणरूप औषध से तमाम रोग नष्ट हो जाते हैं, यह मैं सत्य कहता हूँ… सत्य कहता हूँ.
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ॐ नमो भगवते
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तस्मै कृष्णाया कुण्ठ मेधसे।
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सर्व व्याधि विनाशाय
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प्रभो मामृतं कृधि।’
का जप करना चाहिए लेकिन ध्यान रखें इस मंत्र का जप प्रतिदिन प्रातःकाल उठते ही बिना किसी से कुछ बोले, 3 बार करना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से रोग का नाश होता है साथ ही बार-बार परेशान करने वाली बीमारी से भी धीरे-धीरे राहत मिलने लगती है.
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार अचानक आए संकट के निदान के लिए-
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‘कृष्णाय वासुदेवाय
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हरये परमात्मने।
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प्रणतः क्लेश नाशाय
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गोविंदाय नमो नमः’
इस मंत्र का जप करना चाहिए.कहते हैं कि द्रौपदी जब भी संकट में आती थीं तो सबसे पहले कन्हैया को ही पुकारती थीं और वह उनके कष्टों का नाश करते थे. चीरहरण की बात हो या दुर्वासा ऋषि के 60 हजार शिष्यों संग वन में उनके अतिथि बन जाने पर भोजन कराने का संकट. माता द्रौपदी ने कन्हैया को पुकारा और उनके सारे कष्ट दूर हो गए.
मंत्र पढ़ते समय माता द्रोपदी का ध्यान करें. इसके बाद बताए गये मंत्र का 7 बार जप करें लेकिन अगर जीवन में बार-बार परेशानी लगी ही रहती हो तो नियमित रूप से 108 बार जप करना चाहिए और ऐसी आस्था रखनी चाहिए कि कन्हैया आपकी मदद करने जरूर आएंगे और आपको सारी परेशानियों से राहत दिलाएंगे. अगर आस्था और निष्ठा सच्ची हो तो श्रीकृष्ण अपने भक्तों की पुकार जरूर सुनते हैं.
Posted by: Radheshyam Kushwaha