Janmashtami 2021: आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी है. जन्माष्टमी का पर्व हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. इस साल जन्माष्टमी 30 अगस्त को मनाई जाएगी. इस बार आप जन्माष्टमी के दिन अपनी राशि के अनुसार भगवान कृष्ण को वस्त्र और भोग अर्पित करें. इससे आपको भगवान श्री कृष्ण का खास आशीर्वाद मिलेगा…
मेष राशि : लाल वस्त्र पहनाएं, कुमकुम का तिलक लगाकर माखन मिश्री का भोग लगाएं. फिर इस मंत्र से पूजा करें ॐ कमलनाथाय नम:।
वृषभ राशि : चांदी के वर्क से श्रृंगार करें और सफेद वस्त्र व सफेद चंदन अर्पित करें और माखन का भोग लगाएं.
मिथुन : लहरिया वाले वस्त्र पहनाएं और पीला चंदन अर्पित करें और दही का भोग लगाएं. इस मंत्र से पूजा करें ॐ गोविंदाय नम:।
कर्क राशि : सफेद वस्त्र पहनाएं और दूध व केसर का भोग लगाएं. राधाष्टक का पाठ करें.
सिंह राशि : गुलाबी वस्त्र पहनाएं और अष्टगंध का तिलक लगाकर माखन मिश्री का भोग लगाएं . इस मंत्र से पूजा करें ॐ कोटि सूर्य संप्रयाय नम:।
कन्या राशि : हरे रंग के सुंदर वस्त्र पहनाएं और मावे की बर्फी बनाकर भोग लगाएं. इस मंत्र से पूजा करें ॐ देवकीनंदनाय नम:।
तुला राशि : केसरिया या गुलाबी रंग के वस्त्र पहनाएं व माखन-मिश्री और घी का भोग लगाएं. इस मंत्र से पूजा करें ॐ लीलाधराय नम:।
वृश्चिक राशि : लाल वस्त्र पहनाएं और भोग में मावा, माखन या दही में से कोई एक चीज जरूर अर्पित करें. इस मंत्र से पूजा करें ॐ बराहाय नम:।
धनु राशि: पीले रंग के वस्त्र पहनाएं व पीली मिठाई का भोग लगाएं. इस मंत्र से पूजा करें धनु : ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:।
मकर राशि : नारंगी रंग के वस्त्र पहनाएं और कान्हा को मिश्री का भोग लगाएं. इस मंत्र से पूजा करें ॐ नमो कृष्ण वल्लभाय नम:।
कुंभ राशि : नीले वस्त्र पहनाएं. दूध से अभिषेक करें और बालूशाही का भोग लगाएं. इस मंत्र से पूजा करें ॐ नमो कृष्ण वल्लभाय नम:।
मीन राशि : पीताम्बरी पहनाएं और साथ में आभूषण पहनाएं. केसर और मावे की बर्फी का भोग लगाएं. इस मंत्र से पूजा करें ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:।
अगर आप किसी रोग से परेशान हों या फिर कोई बीमारी बार-बार परेशान करे तो इस मंत्र को जरूर पढ़े.
स्वास्थ्यप्राप्ति के लिए सिर पर हाथ रखकर मंत्र का 108 बार उच्चारण करें।
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अच्युतानन्त गोविन्द नामोचारणभेषजात्।
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नश्यन्ति सकला रोगाः सत्यं सत्यं वदाम्यहम्।।
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हे अच्युत! हे अनन्त! हे गोविन्द!
‘ॐ नमो भगवते
तस्मै कृष्णाया कुण्ठ मेधसे।
सर्व व्याधि विनाशाय
प्रभो मामृतं कृधि।’
‘कृष्णाय वासुदेवाय
हरये परमात्मने।
प्रणतः क्लेश नाशाय
Posted by: Radheshyam Kushwaha