Jaya Ekadashi 2024: आज माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है. एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है. आज एकादशी व्रत रखने का विधान है, इस एकादशी को जया एकादशी व्रत के नाम से जाना जाता है, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ ही पूरी आस्था और श्रद्धा से एकादशी व्रत का विधान है. जया एकादशी व्रत का पारण अगले दिन द्वादशी तिथि में किया जाता है. जया एकादशी व्रत आज 20 फरवरी दिन मंगलवार को है. पंचांग के अनुसार एकादशी तिथि की शुरुआत 19 फरवरी को सुबह 8 बजकर 50 मिनट पर हो चुकी है और 20 फरवरी को सुबह 9 बजकर 52 मिनट पर समाप्त होगी. उदया तिथि के अनुसार जया एकादशी व्रत आज रखा गया है. जया एकादशी व्रत का पारण 21 फरवरी दिन बुधवार को किया जाएगा. आज आयुष्मान योग के साथ त्रिपुष्कर योग और प्रीति योग भी बन रहा है.
जया एकादशी 2024 शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी 19 फरवरी 2024 को सुबह 08 बजकर 49 मिनट पर शुरू हो चुकी है और अगले दिन 20 फरवरी 2024 को सुबह 09 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगी. पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 09 बजकर 45 मिनट से दोपहर 02 बजे तक है.
जया एकादशी 2024 व्रत पारण समय
जया एकादशी व्रत पारण 21 फरवरी 2024 को सुबह 06 बजकर 55 मिनट से सुबह 09 बजकर 11 मिनट तक किया जाएगा. पारण तिथि के दिन द्वादशी तिथि समाप्त होने का समय सुबह 11 बजकर 27 मिनट पर है.
जया एकादशी व्रत पूजा समाग्री
भगवान विष्णु की प्रतिमा या मूर्ति, पुष्प, नारियल, सुपारी, लौंग, मौसमी फल, पंचामृत, दीप, घी, धूप, अक्षत, तुलसी दल, चंदन, मिष्ठान आदि पूजन सामग्री में शामिल करें. तुलसी पत्र भगवान विष्णु को अति प्रिय है और उनकी पूजा तुलसी पत्र के बिना अधूरी मानी जाती है, इसलिए इस शुभ दिन पर तुलसी दल चढ़ाना चाहिए.
- जया एकादशी तिथि में जरूर करें ये काम
- जया एकादशी के दिन श्रीहरि विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की भी पूजा करें.
- सुबह स्नान के बाद घी का दीपक जलाएं और भगवान विष्णु का आह्वान करें.
- भगवान विष्णु का गंगाजल से अभिषेक करें और पुष्प अर्पित करें.
- श्रीहरि विष्णु जी को पीले वस्त्र, पीले फूल, पीले रंग की पुष्प माला, मिठाई, फल आदि अर्पित करें.
- जया एकादशी के दिन पीपल के वृक्ष को जल चढ़ाएं और उसके समीप देसी घी का दीपक जलाएं.
- जया एकादशी व्रत की पूजा विधि
- भगवान की धूप-दीप से आरती करें और तुलसी दल के साथ पंचामृत का भोग लगाएं.
- भगवान विष्णु के मंत्रों का जप करें और मां लक्ष्मी की पूजा करें.
- जया एकादशी के व्रत की कथा का पाठ करें.
- इस दिन अनाज और फलों का दान भी करना चाहिए।
- भगवान विष्णु को तुलसी दल मिलकर ही भोग लगाएं और आरती करें.