Jaya Kishori Bhajan: जया किशोरी एक कथावाचक और भजन गायिका हैं. इन दिनों इनके द्वारा गाया हुआ भजन यूट्यूब पर धमाल मचा रहा है. इनके भक्ति भजनों को बहुत अधिक पसंद किया जाता है. खासकर भगवान कृष्ण पर गाये गये इनके गीत काफी पसंद किये जाते हैं. काली कमली वाला, मेरा आपकी कृपा से, हम तुम्हारे है प्रभु जी कुछ ऐसे गीत है जिन्हें जया किशोरी की आवाज में काफी ज्यादा पसंद किया गया. इन गानों को यूट्यूब पर लाखों-करोड़ों बार देखा जा चुका है. जया किशोरी के साथ भजन पर भक्तों ने भी खूब नृत्य करते है. उन्होंने भजन के माध्यम से बताया है कि भगवान श्रीकृष्ण को जो मन से याद कर लिया उनके दिल में बस जाते है. जया किशोरी की आवाज में लॉकडाउन के दौरान यूट्यूब पर सबसे अधिक भजन देखी गई है.
‘हर बात को भूलों मगर मां बाप को मत भूलना’ जया किशोरी की आवाज में यह भजन सुनकर सभी भक्त रो पड़े. उन्होंने कहा कि इस दुनिया में लाने वाले अपने माता-पिता को कभी नहीं भूलना चाहिए. इस दुनिया में लाने वाले अपने माता पिता को ही लोग भूल जाते है. इस संसार में बुलाने वाले आपके माता-पिता ही है, जिनके वजह से आप इस दुनिया को देख रहे है. जया किशोरी ने कहा कि एक समय ऐसा भी होता हैं कि माता-पिता नहीं खाते है, लेकिन अपने बच्चे को खिलाते है. इस दुनिया को दिखाते है.
वहीं, बच्चे जब बड़े हो जाते है तो अपने बूढ़े मां-बाप को खाने के लिए रुलाते है. माता-पिता ने अपने पेट को काटकर अपने बच्चे की काया को सजाया है. लेकिन अमृत देने वाले इस माता-पिता के जीवन में बच्चे जहर घोल देते है. उन्हे एक वक्त की रोटी भी नहीं दे पाते है. उन्होंने आगे कहा कि लोग मंदिर और मस्जिदों में भगवान ढूंढ़ते हैं, भगवान घर के अंदर ही है. इस दुनिया में मां-बाप से बढ़कर कोई भगवान नहीं होते है. अगर हम अपने मां-बाप को सेवा करेंगे तो अपने आप भगवान प्रसंन्न हो जाएंगे.
जया किशोरी बचपन से ही भगवान श्रीकृष्ण की भक्त रही हैं. जानकारी के अनुसार इन्होंने 9 साल की उम्र में ही भजन गाना शुरू कर दिया था. फिर 10 साल की उम्र में इन्होंने सुंदरकांड गाया. जिसे लोगों ने खूब पसंद भी किया. जया किशोरी ‘नानी बाई का मायरा, नरसी का भात’ कार्यक्रम करती हैं.
कथा वाचक जया किशोरी ने भजन के माध्यम से कहा कि व्यक्ति पूजनीय नहीं होता, उसके गुण, उसके अच्छे कार्य, उसका चरित्र, उसकी दया, उसका मनोबल पूजनीय होता है. हर व्यक्ति की पहचान भी उसके चरित्र से होता है. जो व्यक्ति देश के प्रति, समाज के प्रति, धर्म के प्रति उसका क्या योगदान है या नहीं. उन्होंने ने कहा कि अपनी चिंता तो जानवर भी कर लेते है, यहीं काम हमारे जीवन चक्र में हम कर रहे हैं, तो फिर हमारे और जानवर में क्या अंतर रह जाता है. उन्होंने कहा कि खुद भी सम्मान से जीएंगे और अन्य लोगों को भी सम्मान से जीना सिखाएंगे.
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