Jaya Kishori Bhajan: जया किशोरी एक कथा व मशहूर भजन गायिका है. जया किशोरी को देश और विदेशों में उनके द्वारा गाए भजनों व कथाओं से जाना जाता है. जया किशारी जी का भजन काफी ज्यादा सुना जाता है. ये अपने भजनों से तो कभी कथाओं से लोगों को जगाने का काफी प्रयास करती रहती हैं. जया किशोरी जी बहुत कम उम्र में ही आध्यात्म के मार्ग पर चल पड़ी और बहुत कम समय के अंदर भारत के अलावा विदेशों में भी उनके लाखों श्रोता हो गए.
जया किशोरी को नानी बाई रो मायरा’ और ‘श्रीमद्भागवत कथा’ में उनकी वाचन शैली को लोग बेहद पसंद करते हैं. जया किशोरी जी युवाओं को लाइफ मैनेजमेंट और सफलता पाने के गुर भी बताती हैं. इन्हीं कारणों से भक्त जया किशोरी को साध्वी कहकर संबोधित करने लगे हैं. हालांकि, उन्हें ये बिल्कुल भी पसंद नहीं है और वो चाहती हैं कि कोई भी उन्हें साध्वी कहकर न पुकारे. जया किशोरी जी खुद को साध्वी नहीं मानती है.
जया किशोरी जी ने कई इंटरव्यूज में खुद ये बात बता चुकी है कि वो कोई साध्वी नहीं हैं, इसलिए उन्हें साध्वी न कहा जाए. जया किशोरी जी का कहना है कि दूसरी लड़कियों के समान ही वो भी एक आम युवती हैं. उन्होंने श्रीकृष्ण को अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया है. यही कारण है कि वो अपने श्याम की भक्ति में सराबोर रहती हैं. साथ ही इस कोशिश में रहती हैं कि समाज के अन्य तबकों को भी कान्हा के गुणों और ज्ञान का प्रचार-प्रसार कर सकें. इसलिए वो कथावाचन और भजन गाती हैं.
जया किशोरी जी खुद को एक सामान्य कन्या मानती हैं, इसके साथ ही वो ये भी कहती हैं कि जिस प्रकार दूसरी लड़कियां अपना जीवन व्यतीत करती हैं, उसी प्रकार वो भी रहती हैं. जया किशोरी जी शादी के सवाल से भी मना नहीं करती हैं. जया किशोरी जी के अनुसार जिस तरह दूसरी लड़कियों की शादी होती है, वैसे ही समय आने पर वो भी अपने परिवार की मर्जी से शादी करेंगी और गृहस्थ जीवन व्यापन करेंगी.
जया किशोरी जी का नाम आध्यात्मिक जगत में बड़ा बन चुकीं है. उन्होंने इंस्टाग्राम, फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी एक्टिव रहती हैं. हालांकि, इंस्टा के अलावा उनके अधिकतर अकाउंट्स उनकी टीम चलाती है. इनमें आपको जया किशोरी जी के विचार, टिप्स, लेटेस्ट भजन-कथाएं और मॉटिवेशनल वीडियोज के अंश भी मिल जाएंगे.
एक इंटरव्यू में किशोरी जी बताती हैं कि खाली समय में भी वो अपने ईश्वर में रमे रहना ही पसंद करती हैं. इस दौरान कुछ कथाएं, भजन, प्रसंग और सत्संग सुनना पसंद करती हैं. इसके अलावा, सात्विक भोजन बनाना भी उन्हें पसंद है. जब कभी उन्हें कुछ समय मिलता है तो वे किताबें पढ़ना भी बेहद पसंद करती हैं.
Posted by: Radheshyam Kushwaha