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jaya kishori ki katha: अन्याय करने वाले से ज्यादा दोषी होता है सहने वाला, जानिए जया किशोरी ने दी जीवन जीने के लिए कुछ ऐसे सुझाव…

jaya kishori ki katha: जया किशोरी जी एक कथा वाचक और भजन गायिका है. जो बहुत कम उम्र में ही आध्यात्म के मार्ग पर चल पड‍़ी और बहुत कम समय के अंदर भारत के अलावा विदेशों में भी उनके लाखो श्रोता हो गए जो उनके कथा वाचन को काफी पसंद करते हैं. कथा वाचक जया किशोरी जी ने अपने एक कथा वाचन के दौरान जीवन जीने के लिए कुछ ऐसे सुझाव दिये जिसकी जरूरत आज के दौर में काफी ज्यादा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 9, 2020 8:05 AM

दjaya kishori ki katha: जया किशोरी जी एक कथा वाचक और भजन गायिका है. जो बहुत कम उम्र में ही आध्यात्म के मार्ग पर चल पड‍़ी और बहुत कम समय के अंदर भारत के अलावा विदेशों में भी उनके लाखो श्रोता हो गए जो उनके कथा वाचन को काफी पसंद करते हैं. कथा वाचक जया किशोरी जी ने अपने एक कथा वाचन के दौरान जीवन जीने के लिए कुछ ऐसे सुझाव दिये जिसकी जरूरत आज के दौर में काफी ज्यादा है. उन्होने अपनी कथा में चिंता जाहिर करते हुए कहा कि आजकल लोगों में सहनशक्ति की कमी हो गयी है.आज परिवार इसकी वजह से टूट रहे हैं जबकि घर मे उस बहस में कोई एक इंसान चुप हो जाये तो परिवार संभल जाये लेकिन लोग अक्सर यह सोचते हैं कि जवाब नही दिया तो मुझे कमजोर समझा जायेगा.

जया किशोरी (jaya kishori) अपने श्रोताओं को सलाह देते हुए कहती हैं कि अन्याय कभी नहीं सहना क्योंकि अन्याय करने और सहने वाला दोनों दोषी होता है इसलिए अन्याय कभी नही सहना. अन्याय के खिलाफ आवाज जरूर उठाना, पर बेवजह झगड़ों में कभी मत पड़ना. हमेसा जवाब दे ही देना जरूरी नही होता. यदि सामने कोइ इंसान कुछ ऐसा कह दे जो खुद को अच्छा न लगे तो जवाब देने के बदले केवल शांत रहना. जया किशोरी जी ( jaya kishori ji) कहती हैं कि जवाब ऊपर वाला ही देगा और जब वो जवाब देता है तो पूरी दुनिया देखती है. इसलिए जवाब आप नही दें ,वो जवाब समय देगा. ताकि उसे अपनी गलती का बोध हो और असली मायने में उसे ही जवाब कहते हैं.

जया किशोरी अपनी इस विडियो ( jaya kishori ka video ) में कहती हैं कि आप सामने वाले के अंदर इतनी क्षमता मत देना की वो आपको क्रोधित कर दे. आपने अपना रिमोट सामने वाले के हाथ मे दे दिया है. वो जब चाह लेता है आपको अपने हिसाब से चला लेता है. इससे बचना चाहिये. यदि कोइ आपकी प्रशंसा न करे और आलोचना ही कर दे तो मायूस नही होना चाहिए. आप दुसरों के हिसाब से खुश रहना छोड़ दें.

अन्याय कभी नहीं सहना पर आपमें सहनशक्ति जरूर होनी चाहिए ताकि जिन बातों को नजरंदाज किया जा सके उसे नजरंदाज कर आगे बढ़ सकें. वो कहती हैं कि किसी भी बेगुनाह पर गलत हरकत करने पर वो एक दिन आपको चुकाना जरूर पड़ेगा. ईश्वर किसी भी बेगुनाह को दिए छोटे से जख्म का भी हिसाब जरूर रखता है.

News posted by : Radheshyam kushwaha

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