Jitiya Vrat 2024 Ki Aarti: जितिया व्रत आज 24 सितंबर से नहाय खाय के साथ आरंभ हो गया है. यह व्रत माताएं अपनी संतान की दीर्घायु के लिए करती हैं. जितिया का व्रत निर्जला होता है. मान्यता है कि इस व्रत के माध्यम से जीवूतवाहन प्रसन्न होकर व्यक्ति की सभी इच्छाओं को शीघ्र पूरा करते हैं. शास्त्रों के अनुसार, इस व्रत को करने से पांडवों के पुत्र परीक्षित को मृत्यु के बाद पुनर्जीवित किया गया था. इस दिन माताएं सूर्यास्त के बाद निर्धारित समय पर पूजा करती हैं और अगले दिन निर्धारित समय पर पारण करती हैं. कहा जाता है कि इस पूजा में व्रत के साथ जीमूतवाहन की आरती करने से वह जल्दी प्रसन्न होते हैं.
Jitiya Vrat Aarti: जितिया व्रत आरती
ओम जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन.
त्रिभुवन तिमिर निकंदन, भक्त हृदय चन्दन॥ ओम जय कश्यप…
सप्त अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी.
दु:खहारी, सुखकारी, मानस मलहारी॥ ओम जय कश्यप….
सुर मुनि भूसुर वन्दित, विमल विभवशाली.
अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥ ओम जय कश्यप…
सकल सुकर्म प्रसविता, सविता शुभकारी.
विश्व विलोचन मोचन, भव-बंधन भारी॥ ओम जय कश्यप…
कमल समूह विकासक, नाशक त्रय तापा.
सेवत सहज हरत अति, मनसिज संतापा॥ ओम जय कश्यप…
नेत्र व्याधि हर सुरवर, भू-पीड़ा हारी.
वृष्टि विमोचन संतत, परहित व्रतधारी॥ ओम जय कश्यप…
सूर्यदेव करुणाकर, अब करुणा कीजै.
हर अज्ञान मोह सब, तत्वज्ञान दीजै॥ ओम जय कश्यप…
ओम जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन.