Jyeshtha Amavasya 2024: ज्येष्ठ अमावस्या के दिन मनाए जाएंगे 5 व्रत-त्योहार, जानें स्नान दान और इस दिन का महत्व

Jyeshtha Amavasya 2024: ज्येष्ठ अमावस्या का विशेष महत्व है. ज्येष्ठ अमावस्या के दिन एक या दो नहीं बल्कि 5 व्रत व पर्व एक साथ मनाए जाएंगे. आइए जानते हैं इन व्रत व पर्व के बारे में डिटेल...

By Radheshyam Kushwaha | May 31, 2024 5:26 PM

Jyeshtha Amavasya 2024: अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित है. दिक पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ अमावस्या 6 जून 2024 को मनाई जाएगी और इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्नान करना बहुत ही शुभ व फलदायी माना गया है इस दिन गंगा स्नान कर पितरों का तर्पण करना भी शुभ माना गया है. ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. गंगा स्नान के बाद दान करना भी उत्तम होता है इसलिए व्यक्ति को अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान जरूर करना चाहिए. इस साल 6 जून 2024 को ज्येष्ठ अमावस्या मनाई जाएगी और यह दिन बहुत ही खास है. क्योंकि ज्येष्ठ अमावस्या के दिन एक या दो नहीं बल्कि 5 व्रत व पर्व एक साथ मनाए जाएंगे. आइए जानते हैं इन व्रत व पर्व के बारे में डिटेल…

ज्येष्ठ अमावस्या तिथि और समय

वैदिक पंचांग के अनुसार,ज्येष्ठ अमावस्या की शुरुआत 5 जून, 2024 रात्रि 07 बजकर 54 मिनट पर होगी. वहीं,इसकी समाप्ति 6 जून, 2024 शाम 06 बजकर 07 मिनट पर होगी. पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ अमावस्या 6 जून,2024 को मनाई जाएगी.

शनि जयंती 2024

धर्म-पुराणों के अनुसार ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शनि देव का जन्म हुआ था और इसलिए हर साल इस दिन शनि जयंती मनाई जाती है. इस साल ज्येष्ठ अमावस्या और शनि जयंती 6 जून को पड़ रही है. शनि जयंती के दिन शनि देव की पूजा की जाती है और उन्हे काले तिल व सरसों का तेल अर्पित किया जाता है.इससे शनि देव खुश होते हैं और कुंडली में शनि दोष का प्रभाव कम होता है.

वट सावित्री व्रत 2024

सुहागिन महिलाओं के लिए वट सावित्री का व्रत बहुत ही खास माना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. यह व्रत ज्येष्ठ अमावस्या के दिन रखा जाता है यानि इस साल 6 जून को वट सावित्री का व्रत रखा जाएगा.

Also Read: Pradosh Vrat 2024 June: ज्‍येष्‍ठ मास का प्रदोष व्रत शिव पूजा के लिए बेहद खास, जानें शुभ मुहूर्त-पूजा विधि और महत्व

रोहिणी व्रत 2024
वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल ज्येष्ठ अमावस्या के दिन ही रोहिणी व्रत भी पड़ रहा है जो कि जैन समुदाय की महिलाओं के लिए बहुत ही खास होता है.इस दिन भगवान वासुपूज्य का पूजन किया जाता है .यह व्रत 3,5 या 7 साल तक करना चाहिए.जैन धर्म की महिलाएं यह व्रत पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं.

गुरुवार व्रत
इस साल ज्येष्ठ अमावस्या के दिन गुरुवार का दिन है और इसलिए इस ​ दिन गुरुवार का व्रत भी रखा जाएगा.गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है.गुरुवार का व्रत रखने से कुंडली में गुरु ग्रह मजबूत होता है.

ज्येष्ठ अमावस्या पर जरूर करें ये काम

  • अमावस्या पर गंगा नदी में स्नान जरूर करना चाहिए.
  • अमावस्या पर पितरों का तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है.
  • इस दिन तिल का दान जरूर करना चाहिए, इससे सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
  • आज के दिन तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए.
  • यह पूजा-पाठ,अनुष्ठान और जप- तप का दिन है.
  • इसलिए इस दिन झूठ,ईर्ष्या और लालच करने से बचना चाहिए
  • इस दिन भोजन,कपड़े,तिल,गुड़,घी आदि चीजों का दान करना चाहिए.
  • इस दिन विद्वान ब्राह्मणों व गरीबों को भोजन कराना चाहिए.
  • इस दिन तुलसी पत्र,पीपल और बेलपत्र नहीं तोड़ना चाहिए .
  • इस दिन कोई भी शुभ व नया कार्य नहीं करना चाहिए.
Exit mobile version