12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Pradosh Vrat 2024 June: ज्‍येष्‍ठ मास का प्रदोष व्रत शिव पूजा के लिए बेहद खास, जानें शुभ मुहूर्त-पूजा विधि और महत्व

Pradosh Vrat 2024 June: ज्‍येष्‍ठ मास का प्रदोष व्रत आने वाला है. मंगलवार के दिन आने वाला प्रदोष व्रत को भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है. इस व्रत का पालन करने से शिव-पार्वती व हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है. आइए जानते है प्रदोष व्रत से जुड़ी प्रमुख बातें...

Pradosh Vrat 2024 June: इस बार ज्‍येष्‍ठ मास का प्रदोष व्रत बेहद खास संयोग में पड़ रहा है. 4 जून दिन मंगलवार को मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत दोनों एक साथ पड़ रहे हैं. प्रदोष व्रत मंगलवार के दिन होने की वजह से यह भौम प्रदोष व्रत कहलाएगा. इसके साथ ही इस दिन ज्‍येष्‍ठ मास का बड़ा मंगलवार भी है. इसके अलावा इस दिन शोभन योग और सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहे हैं. इस दिन बड़ा मंगल होने की वजह से रुद्र अवतार कहे जाने वाले हनुमानजी की पूजा करने से भी भक्‍तों की हर मनोकामना पूर्ण होगी. आइए इसके शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इसके महत्व के बारे में विस्‍तार से जानते है.

मंगल प्रदोष व्रत कब है?

मंगल प्रदोष व्रत या भौम प्रदोष तब माना जाता है, जब उस महीने के शुक्ल पक्ष या कृष्ण पक्ष का तेरहवां दिन मंगलवार को पड़ता है. मंगल प्रदोष व्रत को भौम प्रदोष व्रत भी कहा जाता है. इस व्रत का पालन करने से शिव-पार्वती व हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है. ज्‍येष्‍ठ मास का पहला प्रदोष व्रत 4 जून को रखा जाएगा. ज्‍येष्‍ट कृष्‍ण त्रयोदशी तिथि का आरंभ 4 जून को दोपहर 12 बजकर 18 मिनट से रात को 10 बजकर 01 मिनट तक है. प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में की जाती है, इसलिए प्रदोष व्रत 4 जून को रखा जाएगा.

मासिक शिवरात्रि व्रत कब से कब तक है?

मासिक शिवरात्रि यानी की ज्‍येष्‍ठ कृष्‍ण चतुर्दशी तिथि 4 जून को रात 10 बजकर 01 मिनट से शुरू होगी और 5 जून को रात 7 बजकर 54 मिनट पर समाप्‍त होगी. चूंकि शिवरात्रि व्रत का मुहूर्त भी नि‍शीथ काल का होता है, इसलिए मासिक शिवरात्रि का व्रत भी 4 जून को ही रखा जाएगा.

Also Read: Saptahik Rashifal 2 To 8 June 2024: इस सप्ताह इन 7 राशि वालों का होगा भाग्योदय, पढ़ें सप्ताहिक राशिफल

भौम प्रदोष व्रत की पूजा विधि

  • भौम प्रदोष व्रत के दिन सुबह नित्यकर्म से निवृत्त होकर जल्दी स्‍नान कर लें और इस दिन लाल रंग के वस्‍त्र पहनें.
  • सूर्य देवता को जल देने के बाद हनुमानजी की पूजा करें, हनुमान चालीसा का पाठ करें. मंदिर में जाकर चोला चढ़ाएं.
  • शाम को प्रदोष काल में फिर से स्‍नान करके शिवजी का अभिषेक करें और विधि विधान से पूजा करें.
  • महादेव को दूध, दही, घी, गंगाजल और शहद से बने पंचामृत से स्‍नान कराएं.
  • प्रदोष व्रत के दिन बेलपत्र, भांग, धतूरा, अक्षत और फल फूल चढ़ाएं.
  • पूजा के बाद शिव चालीसा का पाठ करें और आरती करके सफेद दूध की बर्फी का भोग लगाएं.

भौम प्रदोष व्रत का महत्‍व
मंगलवार को पड़ने वाला प्रदोष व्रत भौम प्रदोष व्रत कहलाता है, इस दिन शिवजी के साथ हनुमानजी की पूजा का भी विशेष महत्‍व होता है. जो लोग कुंडली में मांगलिक दोष से पीड़ित होते हैं या फिर विवाह में रुकावटें आ रही होती हैं उनके लिए भौम प्रदोष व्रत की पूजा करना बहुत ही लाभदायक होता है. फिर जिन लोगों की कुंडली में मंगल भारी हो उन्‍हें भौम प्रदोष के दिन मंगल से जुड़ी लाल वस्‍तुओं का दान करना चाहिए, इससे मंगल की दशा में राहत मिलती है.

मंगल प्रदोष व्रत कब पड़ रहा है?

  • ज्येष्ठ मास का पहला मंगल प्रदोष व्रत 4 जून 2024 को पड़ रहा है. इस दिन मासिक शिवरात्रि और बड़ा मंगलवार भी है, जो इसे विशेष बनाता है

भौम प्रदोष व्रत क्या है?

जब प्रदोष व्रत मंगलवार को पड़ता है, तो उसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है. इस व्रत का पालन करने से शिवजी, पार्वतीजी और हनुमानजी का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

मासिक शिवरात्रि का व्रत कब रखा जाएगा?

मासिक शिवरात्रि व्रत 4 जून 2024 की रात 10:01 बजे से शुरू होकर 5 जून 2024 की रात 7:54 बजे तक चलेगा.

भौम प्रदोष व्रत की पूजा विधि क्या है?

इस दिन सुबह लाल वस्त्र पहनकर हनुमानजी की पूजा और हनुमान चालीसा का पाठ करें. शाम को प्रदोष काल में शिवजी का पंचामृत से अभिषेक करें और पूजा में बेलपत्र, धतूरा, अक्षत और फूल चढ़ाएं.

भौम प्रदोष व्रत का महत्व क्या है?

भौम प्रदोष व्रत में शिवजी के साथ हनुमानजी की पूजा का विशेष महत्व है. यह व्रत खासतौर पर उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो कुंडली में मांगलिक दोष से पीड़ित हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें