Kaal Sarp And Rahu Dosh Upay, Rahu Dosh, Kaal Sarp Dosh, Symptoms, Upay: कुंडली में कुछ ग्रह आपको परेशान करते है तो कुछ दोष जातक के जीवन में भारी उथल-पुथल का कारण बनते है. इनमें राहु और काल सर्प दोष खास है. ये दोनों दोष जीवन को काफी संघर्षमय बना देते हैं. इन संकटों से उबरने के लिए भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करने की सलाह दी जाती है. आइए जानते हैं क्या हो सकते हैं इन दोषों के लक्षण, कितना कर सकता है यह इंसानों को प्रभावित व क्या है इसके उपाय…
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इस दौरान आप जिस भी क्षेत्र में मेहनत करते हैं, वहां असफलता ही हाथ लगती है
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किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है और बेहतर इलाज के बावजूद कोई सुधार नहीं दिख रहा तो शायद आप काल सर्प दोष के शिकार हो चुके हैं
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इस दौरान आपको नींद में बुरे सपने आ सकते हैं, ये सपने सांप और मृत्यु के भी हो सकते हैं
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यदि आप काल सर्प दोष से पीड़ित है तो प्रत्येक सोमवार शिव मंदिर में शिवलिंग पर धतूरा चढ़ा सकते हैं
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वहां आपको 108 बार ओम नमः शिवाय का मंत्र जाप भी करना होगा
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इसके अलावा नाग-नागिन के चांदी से बने जोड़े को भी शिवलिंग पर चढ़ाएं
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यदि किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं या कई दिनों से कोई बीमारी है तो किसी जानकारी पंडित से महामृत्युंजय मंत्र का जाप कराएं
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यदि आप खुद 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप कर रहे हैं तो हर मंत्र जाप के साथ एक बिल्वपत्र भगवान शिव को जरूर चढ़ाएं
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इस महामृत्युंजय मंत्र का आप कर सकते हैं जाप
ऊँ हौं ऊँ जूं स: भूर्भुव: स्व: त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवद्र्धनम्.
उर्वारुकमिव बंधनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् भूर्भुव: स्वरों जूं स: हौं ऊँ
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यदि हमेशा आप मानसिक तनाव में रहते हैं,
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धन संबंधी नुकसान होते रहता है,
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परिवार या अन्य किन्हीं के साथ आए दिन वाद-विवाद होते रहता है या रिश्ते सही नहीं रहते,
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सोचने समझने की शक्ति शुन्य हो जाती है, विपदा में आपको कोई उपाय नहीं सुझता
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गलत संगत के शिकार होने लगते हैं या
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आपके कोई भी ग्रह साथ नहीं देते तो समझ जाइए आपका राहु उदास चल रहा है.
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राहु की दशा सुधारने के लिए आपको विधि-विधान से शिवजी की पूजा करनी चाहिए.
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महाशिवरात्रि या मासिक शिवरात्रि पर व्रत रखना चाहिए
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प्रदोष व्रत भी कर सकते हैं
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इस दौरान आपको भगवान शिव का अभिषेक जल, दूध, दही या शहद से करना चाहिए
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साथ ही शिवपुराण का पाठ व ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करते रहना चाहिए.
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राहु ग्रह को शांत करने के लिए कोशिश करें कि प्रतिदिन शिव जी को बिल्व पत्र चढ़ाएं व दुग्धाभिषेक करें.
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इसके लिए राहु मंत्र ‘ओम कयानश्चित्र आभुवदूतीसदा वृध: सखा कयाशश्चिष्ठया वृता’ का भी जाप करें
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प्रत्येक शनिवार से इस मंत्र के जाप से दिन की शुरूआत करे व हर रात सोने से पहले भी जपें.
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कबूतरों को बाजरा खिलाना भी फायदेमंद हो सकता है,
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इसके अलावा आप ज्योतिष मामलों के परामर्श से गोमेद भी धारण कर सकते हैं
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साथ ही साथ चांदी से बनी नाग आकृति वाली अंगूठी भी अनामिका उंगली में धारण कर सकते हैं.
Posted By: Sumit Kumar Verma