Parivartini Ekadashi 2021 Puja Vidhi: सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व होता है. एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है. भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को परिवर्तनी एकादशी या जलझूलनी एकादशी कहते हैं. इसके अलावा इसे पार्श्व या पद्मा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस साल परिवर्तनी एकादशी 17 सितंबर दिन सोमवार को पड़ेगी.
पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान विष्णु चतुर्मास के दूसरे महीने में भादो शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि के दिन शयन शैय्या पर सोते हुए करवट बदलते हैं. उनके इस स्थान परिवर्तन के कारण इस एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी कहा जाता हैं. पद्म पुराण के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि चतुर्मास के दौरान भगवान विष्णु वामन रूप में पाताल में निवास करते हैं. इसलिए इस एकादशी को भगवान विष्णु के वामन रूप की पूजा करनी चाहिए.
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इस दिन सुबह स्नान कर साफ-सुथरा वत्र धारण करें.
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इसके बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें.
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भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें और पुष्प-तुलसी दल अर्पित करें.
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इसके बाद उन्हें अक्षत, फूल, मीठा, धूप, दीप, नैवेद्य आदि पूजन सामग्री अर्पित करें.
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भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें.
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इसके बाद भगवान विष्णु की आरती करें.
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भगवान को सात्विक चीजों का भोग लगाएं.
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रात में जागरण करते हुए भगवान विष्णु का भजन करें.
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सुबह द्वादशी तिथि में शुभ मुहूर्त में व्रत पारण करें.
एकादशी व्रत पूजा सामग्री लिस्ट
श्री विष्णु जी का चित्र अथवा मूर्ति, पुष्प, नारियल, सुपारी, फल, लौंग, धूप, दीप, घी, पंचामृत, अक्षत, तुलसी दल, चंदन, मिष्ठान
Posted by: Radheshyam Kushwaha