Kalawa Bandhne ke Rules: कलावा को किस हाथ में बांधना चाहिए, इसके लिए विशेष नियम हैं. पुरुषों और कुंवारी कन्याओं को दाहिने हाथ में, जबकि विवाहित महिलाओं को बाएं हाथ में कलावा बांधना चाहिए. इसे कलाई पर तीन, पांच या सात बार लपेटना शुभ माना जाता है. कलावा बांधते समय हाथ में एक सिक्का रखना चाहिए और बाद में उस सिक्के को पंडित जी को दे देना चाहिए.
कलावा खोलने का सही समय
कलावा या रक्षा सूत्र को किसी भी दिन या समय नहीं खोलना चाहिए, क्योंकि यह रक्षा के प्रतीक के रूप में बंधा जाता है. इसे खोलने के लिए मंगलवार या शनिवार का दिन सबसे सही माना जाता है. पुराना कलावा खोलने के बाद पूजा घर में बैठकर दूसरा कलावा बांध लेना शुभ होता है. पुराने कलावा को यहां-वहां फेंकने की बजाय पीपल के पेड़ के नीचे या बहते पानी में प्रवाहित करना चाहिए.
आयुर्वेदिक और स्वास्थ्य लाभ
कलावा बांधने से कई शारीरिक समस्याएं दूर होती हैं. आयुर्वेद के अनुसार, कलाई पर बांधे गए कलावा से त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) से जुड़ी समस्याएं कम होती हैं. इसके साथ ही, मधुमेह, हृदय रोग, और रक्तचाप जैसी बीमारियों पर भी नियंत्रण पाया जा सकता है. शरीर की महत्वपूर्ण नसें कलाई से होकर गुजरती हैं, इसलिए कलावा बांधने का स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
ज्योतिषीय और धार्मिक महत्व
ज्योतिष शास्त्र में कलावा के विषय में विस्तार से जानकारी दी गई है. लाल या केसरी रंग का कलावा बांधने से कुंडली में मंगल का अशुभ प्रभाव कम होता है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. कुछ लोग शनि ग्रह के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए काले धागे का उपयोग करते हैं. धार्मिक दृष्टि से, कलावा त्रिदेवों (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) और त्रिशक्तियों (लक्ष्मी, पार्वती, सरस्वती) को समर्पित होता है, जिससे व्यक्ति की रक्षा होती है और उसे कीर्ति, धन, शक्ति और बुद्धि की प्राप्ति होती है.
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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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