Kamada Ekadashi 2024: चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि आज है. आज कामदा एकादशी का व्रत रखा जाता है. चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को कामदा एकादशी के नाम से जाना जाता है. एकादशी तिथि को भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है. वहीं संध्या काल में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की भी पूजा का विधान है. कामदा एकादशी व्रत के पुण्य से जीवात्मा को पाप से मुक्ति मिलती है. कामदा एकादशी व्रत रखने पर पारिवारिक जीवन की समस्याएं खत्म हो जाती हैं. आइए जानते हैं कामदा एकादशी 2024 की डेट, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व…
कामदा एकादशी 2024 का शुभ मुहूर्त क्या है
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का शुभारंभ 18 अप्रैल 2024 शाम 05 बजकर 31 मिनट पर होगा, जिसका समापन 19 अप्रैल को संध्याकाल 08 बजकर 04 मिनट पर होगा. कामदा एकादशी व्रत 19 अप्रैल को रखा जाएगा. इस दिन पूजा के लिए शुभ समय सुबह 05 बजकर 51 मिनट से सुबह 10 बजकर 43 मिनट तक है.
कामदा एकादशी 2024 व्रत पारण समय कब है?
कामदा एकादशी का व्रत पारण 20 अप्रैल 2024 को सुबह 05 बजकर 50 मिनट से सुबह 08 बजकर 26 मिनट के बीच किया जाएगा, इस दिन पारण तिथि के दिन द्वादशी तिथि समाप्त होने का समय रात 10 बजकर 41 मिनट पर है.
कामदा एकादशी व्रत पूजा विधि
कामदा एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें, इसके बाद मंदिर की साफ-सफाई करें. फिर चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें. भगवान विष्णु की मूर्ति को ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मन्त्र का उच्चारण करते हुए पंचामृत से स्नान आदि कराकर वस्त्र,चन्दन,जनेऊ ,गंध,अक्षत,पुष्प,तिल,धूप-दीप,नैवैद्य ,ऋतुफल,पान,नारियल,आदि अर्पित करें. इसके बाद कामदा एकादशी की कथा का श्रवण या वाचन करें. एकादशी व्रत पूजा के आखिरी में आरती करें.
कामदा एकादशी तिथि का महत्व
कामदा एकादशी का व्रत करने से सांसारिक जीवन की सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति जन्म मृत्यु के बंधन से मुक्त हो जाता है. कामदा एकादशी का व्रत करने से साधक को 100 यज्ञों के बराबर पुण्य मिलता है. इस व्रत को करने से व्यक्ति की मनोवांछित कामना होती है, इसलिए इसे कामदा एकादशी के नाम से जाना जाता है. धर्म शास्त्र के अनुसार, जितना पुण्य हजारों वर्षों की तपस्या, दान और कन्यादान से मिलता है, उससे अधिक फल मात्र कामदा एकादशी का व्रत करने से मिलता है. कामदा एकादशी को फलदा एकादशी भी कहते है
कामदा एकादशी पूजा आरती
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी ! जय जगदीश हरे।
भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥
ॐ जय जगदीश हरे।
जो ध्यावे फल पावे, दुःख विनसे मन का।
स्वामी दुःख विनसे मन का।
सुख सम्पत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का॥
ॐ जय जगदीश हरे।
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूँ मैं किसकी।
स्वामी शरण गहूँ मैं किसकी।
तुम बिन और न दूजा, आस करूँ जिसकी॥
ॐ जय जगदीश हरे।
तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी।
स्वामी तुम अन्तर्यामी।
पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी॥
ॐ जय जगदीश हरे।
तुम करुणा के सागर, तुम पालन-कर्ता।
स्वामी तुम पालन-कर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥
ॐ जय जगदीश हरे।
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
स्वामी सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूँ दयामय, तुमको मैं कुमति॥
ॐ जय जगदीश हरे।
दीनबन्धु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
स्वामी तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥
ॐ जय जगदीश हरे।
विषय-विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
स्वमी पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, सन्तन की सेवा॥
ॐ जय जगदीश हरे।
श्री जगदीशजी की आरती, जो कोई नर गावे।
स्वामी जो कोई नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी, सुख संपत्ति पावे॥
ॐ जय जगदीश हरे।
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