23.9 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Kamika Ekadashi 2024: सावन मास की कामिका एकादशी व्रत कब है? जानें सही तारीख, शुभ मुहूर्त-पूजा विधि, व्रत नियम और महत्व

Kamika Ekadashi 2024: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है. हर माह की एकादशी तिथि का अपना अलग अलग विशेषता होती है. इसी तरह सावन माह में कामिका एकादशी मनाई जाती है. धार्मिक मान्यता है कि सावन माह में कामिका एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से कष्टों से मुक्ति मिल जाती है.

Kamika Ekadashi 2024: सनातन धर्म में हर माह की एकादशी तिथि भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित होती है. सावन की एकादशी व्रत से भगवान विष्णु के साथ भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है. आषाढ़ की देवशयनी एकादशी को प्रभु श्री हरि के योग निद्रा में जाने के बाद सावन में कृष्ण पक्ष पर आने वाली पहली एकादशी को कामिका एकादशी कहलाती है. इसलिए सावन मास की पहली एकादशी का बहुत ही अधिक महत्व होता है. धार्मिक मान्यता है कि एकादशी व्रत करने वालों के जीवन से सभी प्रकार के कष्टों का अंत हो जाता है और घर-परवार में सुख-समृद्धि आती है.

कामिका एकादशी की तिथि

सावन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 30 जुलाई 2024 दिन मंगलवार को शाम 5 बजकर 44 मिनट से शुरू होकर 31 जुलाई बुधवार को दोपहर 3 बजकर 55 मिनट तक है. वहीं 31 जुलाई दिन बुधवार को कामिका एकादशी का व्रत रखा जाएगा. इस एकादशी व्रत का पारण 1 अगस्त 2024 दिन गुरुवार को सुबह 5 बजकर 43 मिनट से सुबह 8 बजकर 24 के बीच किया जा सकेगा.

ध्रुव योग और शिववास योग

कामिका एकादशी पर दुर्लभ ध्रुव योग और शिववास योग का निर्माण हो रहा है. इस योग में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी दिन भर है. वहीं देवों के देव महादेव कामिका एकादशी पर जगत की देवी मां पार्वती के साथ कैलाश पर्वत पर विराजमान रहेंगे. भगवान शिव दोपहर 03 बजकर 55 मिनट तक कैलाश पर रहेंगे. इसके बाद नंदी पर सवार होंगे. इस तिथि पर बालव और कौलव करण के योग भी बन रहे हैं. इसके साथ ही रोहिणी नक्षत्र का भी संयोग बन रहा है. इन शुभ योग में इस दिन भगवान शिव का अभिषेक करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी.

कामिका एकादशी पूजा विधि

कामिका एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के साथ साफ कपड़े धारण कर लें. इसके बाद मंदिर की अच्छी तरह से सफाई कर लें. फिर देवी-देवताओं को स्नान कराने के बाद साफ कपड़े पहनाएं और मंदिर में दीप प्रज्वलित करें. कामिका एकादशी के दिन सुबह विष्णु भगवान के कृष्ण अवतार की आराधना करें. इसके बाद व्रत का संकल्प लें और भगवान विष्णु का ध्यान करें. उनको पीले फूल, पंचामृत और तुलसी दल अर्पित करें. फल भी अर्पित कर सकते हैं. भगवान कृष्ण का ध्यान करें तथा उनके मंत्रों का जाप करें.

Also Read: Sawan 2024: सावन में हरी चुड़ी और साड़ी क्यों पहनी जाती है, जानें पटना के ज्योतिषाचार्य से इसका धार्मिक महत्व

कामिका एकादशी का महत्व

एकादशी का व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, लेकिन सावन के एकादशी व्रत से भगवान विष्णु के साथ-साथ भगवान शिव की भी कृपा प्राप्त होती है. इस एकादशी में भगवान विष्णु की पूजा करने से समस्त देवी-देवताओं समेत नाग, किन्नर और पितरों की पूजा हो जाती है. कामिका एकादशी का व्रत रखने से आभूषण पहनाए हुए बछड़े के दान के बराबर पुण्यलाभ संभव है. कामिका एकादशी का व्रत रखने से सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिल सकती है और जीवन में सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें