Kanya Puja Navratri 2024: कन्या को मां दुर्गा का प्रतीक मानकर उनकी पूजा की जाती है. धार्मिक परंपराओं के अनुसार, नवरात्रि के दौरान कन्या पूजा करने से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है. उनके आशीर्वाद से सभी कार्य सफल होते हैं. कन्या पूजन के लिए गंगाजल, साफ कपड़ा (कन्या के पैर धोने के लिए), रोली, अक्षत, पुष्प, कलावा, चुननी, फल और मिठाई एकत्रित की जाती हैं. माता को भोग लगाने के लिए हलवा, पूरी और चना तैयार किया जाता है. इसके साथ ही माता को फल और मिठाई का भी भोग अर्पित किया जाता है.
कन्या पूजन का धार्मिक महत्व
कन्या पूजन नवरात्रि के समापन पर देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की प्रतीकात्मक पूजा का आयोजन किया जाता है. इस अवसर पर छोटी लड़कियों को देवी के रूप में मानकर उन्हें भोजन कराना, वस्त्र आदि भेंट देकर सम्मानित करना एक महत्वपूर्ण परंपरा है. शास्त्रों में उल्लेखित है कि नारी शक्ति की पूजा देवी दुर्गा की पूजा के समान होती है. विशेष रूप से अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन करने से व्यक्ति को मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
शास्त्रों के अनुसार, कन्या पूजन में 2 से 10 वर्ष की आयु की नौ कन्याओं को भोजन कराने से सभी प्रकार के दोष समाप्त हो जाते हैं. कन्याओं को भोजन कराने से पूर्व देवी को नैवेद्य अर्पित करें और भेंट की वस्तुएं भी पहले देवी को चढ़ाएं. इसके पश्चात कन्याओं का भोज और पूजन करें. यदि कन्याओं को भोजन नहीं करा पाएं, तो भोजन बनाने के लिए आवश्यक सामग्री जैसे चावल, आटा, सब्जियां और फल कन्याओं के घर जाकर उन्हें भेंट कर सकते हैं.