Kartik Purnima 2024: कार्तिक पूर्णिमा के स्नान से मिलता है 100 अश्वमेध यज्ञों का फल, जानें शुभ समय

Kartik Purnima 2024: कार्तिक माह हिंदू पंचांग का सबसे पवित्र माह माना जाता है और इस माह की पूर्णिमा का दिन विशेष धार्मिक महत्व रखता है. इस दिन स्नान करना, दान करना और दीप जलाना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है. कार्तिक पूर्णिमा का महत्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि यह दिन देव दिवाली के […]

By Shaurya Punj | November 12, 2024 12:36 PM

Kartik Purnima 2024: कार्तिक माह हिंदू पंचांग का सबसे पवित्र माह माना जाता है और इस माह की पूर्णिमा का दिन विशेष धार्मिक महत्व रखता है. इस दिन स्नान करना, दान करना और दीप जलाना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है. कार्तिक पूर्णिमा का महत्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि यह दिन देव दिवाली के रूप में मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन देवता गंगा के तट पर आते हैं। इस दिन गंगा, यमुनाजी या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से बहुत बड़ा पुण्य मिलता है.

नदियों में स्नान करने से मिलता है 100 अश्वमेध यज्ञ करने का फल

कार्तिक पूर्णिमा स्नान का महत्व कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से व्यक्ति को 100 अश्वमेध यज्ञ करने का फल मिलता है.इस दिन स्नान करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और सभी पाप धुल जाते हैं. इसलिए इस दिन गंगा, यमुनाजी या किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने की विशेष महिमा है. अगर नदियों में स्नान करना संभव न हो, तो घर में गंगाजल मिलाकर स्नान करने से भी पुण्य प्राप्त होता है.

Tulsi Vivah 2024: कब मनाया जा रहा है तुलसी विवाह, जानें सही तारीख, मुहूर्त और पूजा विधि

कार्तिक पूर्णिमा 2024 स्नान समय

कार्तिक पूर्णिमा 15 नवंबर 2024 को सुबह 6:19 बजे से शुरू होगी और 16 नवंबर 2024 को सुबह 2:58 बजे तक रहेगी. इस दिन सभी धार्मिक गतिविधियां जैसे स्नान, दान, उपवासी रहना और पूजा पाठ 15 नवंबर को ही की जाएंगी.

अशुभ और शुभ समय

स्नान का शुभ समय: सुबह 4:48 बजे से 5:51 बजे तक
देव दिवाली पूजा का शुभ समय: शाम 5:10 बजे से 7:47 बजे तक
लक्ष्मी पूजा का शुभ समय: रात 11:39 बजे से 12:33 बजे तक

कार्तिक पूर्णिमा स्नान के दौरान रखें इन बातों का ध्यान

शुभ समय में स्नान करें:

कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान का पुण्य तभी मिलेगा जब वह शुभ समय में किया जाए. यह समय सूर्योदय से पहले होता है, इसलिए सूर्योदय से पहले ही पवित्र नदी में स्नान करने का प्रयास करें.

गंगा जल का उपयोग

अगर आप नदी में स्नान नहीं कर पा रहे हैं, तो अपने स्नान के पानी में थोड़े से गंगाजल की बूंदें मिला सकते हैं.इससे भी पुण्य मिलेगा.

स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य दें

स्नान के बाद सबसे पहले सूर्य देव को अर्घ्य दें.इससे समृद्धि और सुख की प्राप्ति होती है.

दान और सेवा

स्नान करने के बाद सबसे पहले गरीबों को फल, तिल, कपड़े और अन्य आवश्यक सामान दान करें. दान करने से पुण्य मिलता है और घर में खुशहाली आती है.

दीपदान करें

शाम को नदी, तालाब, मंदिर, आंगन, बालकनी या खुले आसमान के नीचे दीप जलाकर दीपदान करें। इससे घर में शांति और समृद्धि आती है.

तुलसी के पास घी का दीपक जलाएं

कार्तिक पूर्णिमा की रात में तुलसी के पौधे के पास और घर के मुख्य प्रवेश द्वार पर घी का दीपक जलाएं. इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में लक्ष्मी का वास होता है.

कार्तिक पूर्णिमा स्नान, दान और पूजा से जीवन में आती है सकारात्मकता

कार्तिक पूर्णिमा का पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक और पारिवारिक सुख-शांति के लिए भी बेहद लाभकारी है. इस दिन के स्नान, दान और पूजा से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. इस दिन की विशेष पूजा विधियों को विधिपूर्वक करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है.

जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते है .

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

Next Article

Exit mobile version