Karwa Chauth Vrat 2023: अखंड सुहाग की कामना से सुहागिन महिलाएं आज बुधवार को कार्तिक कृष्ण चतुर्थी में करवा चौथ का व्रत करेंगी. बुधवार को चंद्रोदय मिथिला पंचांग के अनुसार रात्रि 8 बजकर 27 मिनट पर होगा. वहीं बनारसी पंचांग के मुताबिक रात्रि आठ बजे चांद का दीदार होगा. प्रेम, त्याग व विश्वास के महापर्व में मिट्टी के करवे से रात्रि बेला में चंद्रदेव को जल से अर्घ्य देकर व्रत पूर्ण करेंगी. आज करवा चौथ पर बुधवार दिन, मृगशिरा नक्षत्र, परिघ योग का उत्तम संयोग बना है. इसके अलावे आज सर्वार्थ सिद्धि योग एवं शिव योग का सुयोग भी बन रहा है. करवा चौथ का व्रत सूर्योदय से शुरू होकर चंद्रोदय तक रहता है. इस दिन व्रती महिलाएं रात्रि काल में चन्द्रमा की दर्शन, पूजा एवं अर्घ्य देने के बाद पति के हाथ से जल पीकर पूर्ण करती है. व्रती महिलाएं चलनी से चंद्र दर्शन के बाद अपने पति को उसी छलनी से देखती है.
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करवा चौथ की तिथि 31 अक्टूबर 2023 दिन मंगलवार की रात्रि 9 बजकर 30 मिनट से शुरू है.
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वहीं 1 नवंबर को चंद्र दर्शन के बाद रात 9 बजकर 10 मिनट पर समाप्त हो जाएगी.
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पूजा का शुभ समय 1 नवंबर शाम 5 बजकर 54 मिनट से लेकर 7 बजकर 02 मिनट तक रहेगा.
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चंद्रोदय का समय 1 नवंबर रात 8 बजकर 26 मिनट पर रहेगा.
आप करवा चौथ की पूजा में पानी, थाली, मिट्टी का दीपक, चांदी का कटोरा, गंगाजल, मिठाई, चांदी की थाली, और चांदी के कलश शामिल करें. इसके साथ ही आप चंदन, शहद, अगरबत्ती, पुष्प, कच्चा दूध, शक्कर, शुद्ध घी, दही, अक्षत (चावल), सिंदूर, मेहंदी, महावर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ, मिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कन, दीपक, रुई, कपूर, गेहूं, शक्कर का बूरा, हल्दी, जल का लोटा, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी का आसन, चलनी, आठ पूरियों की अठावरी, हलुआ आदि को शामिल कर सकते है.
आज व्रती को 13 घंटे 42 मिनट तक निर्जला व्रत रखना होगा. व्रत सुबह 06 बज कर 33 मिनट से रात 08 बज कर 15 मिनट तक होगा. जो महिलाएं 01 नवंबर बुधवार को करवा चौथ का व्रत रखेंगी, उनको शाम में पूजा के लिए 1 घंटा 18 मिनट का शुभ समय है. करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 36 मिनट से शाम 06 बजकर 54 मिनट तक है. करवा चौथ के दिन चंद्रोदय रात 08 बजकर 15 मिनट पर होगा. इस समय से आप चंद्रमा पूजन के साथ अर्घ दे सकते हैं.
इस साल करवा चौथ पर तीन योग बन रहे है. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06 बजकर 33 मिनट से प्रारंभ हो रहा है, जो अगले दिन प्रात: 04 बजकर 36 मिनट तक रहेगा. सर्वार्थ सिद्धि को शुभ योग माना जाता है. उस दिन प्रात: काल से दोपहर 02 बजकर 07 मिनट तक परिध योग है, उसके बाद से शिव योग प्रारंभ होगा, जो अगले दिन तक रहेगा.
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व्रती शिवांगी ने बताया कि शरद पूर्णिमा की चौथी तिथि पर हरेक वर्ष यह व्रत किया जाता है. शादी का पहला करवा चौथ का खास महत्व होता है. कोई भी व्रती हो, वह सुबह चार बजे सरगी अर्थात कुछ मीठा व फल खाती है और दिन भर उपवास करती है. लखनऊ के प्रियंका कुमारी ने बताया कि पति की लंबी आयु के लिए चलनी के छेद से चाद और अपने पति को देखने का रिवाज है.