Karwa Chauth 2020: आज है करवा चौथ, यहां जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, कथा और इस व्रत से जुड़ी पूरी डिटेल्स…

Karwa Chauth 2020: करवा चौथ व्रत पति-पत्नी के रिश्ते को अधिक मजबूत करने वाला पर्व है. इस दिन चंद्रमा की पूजा की जाती है. करवा चौथ व्रत का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व होता है. इस दिन सुहागिन स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु और सुखी जीवन के लिए व्रत रखती हैं. चंद्रमा को आयु, सुख और शांति का कारक माना जाता है और इनकी पूजा से वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है. इस दिन पूजा करने पर पति की आयु भी लंबी होती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 4, 2020 4:44 AM
an image

Karwa Chauth 2020: करवा चौथ व्रत पति-पत्नी के रिश्ते को अधिक मजबूत करने वाला पर्व है. इस दिन चंद्रमा की पूजा की जाती है. करवा चौथ व्रत का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व होता है. इस दिन सुहागिन स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु और सुखी जीवन के लिए व्रत रखती हैं. चंद्रमा को आयु, सुख और शांति का कारक माना जाता है और इनकी पूजा से वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है. इस दिन पूजा करने पर पति की आयु भी लंबी होती है.

यह व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए सबसे अहम व्रत माना जाता है. करवा चौथ के दिन हर महिला बड़ी ही श्रद्धा भाव से शिव-पार्वती की पूजा करती है. इस दिन व्रत में शिव, पार्वती, कार्तिकेय, गणेश के साथ चंद्रमा की भी पूजा करने का विधान है. यही नहीं कुंवारी लड़कियां भी मनवांछित वर के लिए इस दिन व्रत रखती हैं. करवा चौथ का पावन व्रत हर साल कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन रखा जाता है और ऐसे में इस साल करवा चौथ व्रत 04 नवंबर 2020 यानि आज है.

Also Read: Diwali 2020 Date: इस बार एक ही दिन मनेगी छोटी और बड़ी दिवाली, जानें क्या है इसका वजह…
करवा चौथ मुहूर्त

करवा चौथ तिथि 04 नवंबर 2020 दिन बुधवार

करवा चौथ पूजा मुहूर्त- शाम 5 बजकर 29 मिनट से शाम 6 बजकर 48 मिनट तक

चंद्रोदय- रात 8 बजकर 16 मिनट पर

चतुर्थी तिथि आरंभ 04 नवंबर की सुबह 3 बजकर 24 मिनट पर

चतुर्थी तिथि समाप्त 05 नवंबर की सुबह 5 बजकर 14 मिनट पर

क्यों की जाती है चंद्रमा की पूजा

करवा चौथ व्रत कुवांरी लड़कियां भी करती हैं, जिनकी शादी की उम्र हो चुकी है या शादी होने वाली है. करवा चौथ महज एक व्रत नहीं है, यह पति-पत्नी के रिश्ते को अधिक मजबूत करने वाला पर्व भी है. चंद्रमा को आयु, सुख और शांति का कारक माना जाता है और इनकी पूजा से वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है और पति की आयु भी लंबी होती है.

Also Read: Dhanteras 2020 Date: इस साल कब है धनतेरस या धनत्रयोदशी, जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इसका महत्व…
करवा चौथ व्रत नियम

करवा चौथ व्रत सूर्योदय होने से पहले शुरू होता है और चांद निकलने तक रखा जाता है. चांद के दर्शन के बाद ही व्रत को खोलने का नियम है. शाम के समय चंद्रोदय से लगभग एक घंटा पहले सम्पूर्ण शिव-परिवार (शिव जी, पार्वती जी, नंदी जी, गणेश जी और कार्तिकेय जी) की पूजा की जाती है. पूजा के समय व्रती को पूर्व की ओर मुख करके बैठना चाहिए. इस दिन सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद पति को छलनी में दीपक रख कर देखा जाता है. इसके बाद पति जल पिलाकर पत्नी का व्रत तोड़ते हैं.

करवा चौथ व्रत कथा

करवा चौथ व्रत कथा के अनुसार एक साहूकार था. उसके सात बेटे थे और करवा नाम की एक बेटी थी. एक बार करवा चौथ के दिन उनके घर में व्रत रखा गया. रात्रि को जब सब भोजन करने लगे तो करवा के भाइयों ने उससे भी भोजन करने का आग्रह किया. उसने यह कहकर मना कर दिया कि अभी चांद नहीं निकला है. चन्द्रमा को अर्घ्य देकर ही भोजन करूंगी. सुबह से भूखी-प्यासी बहन की हालत भाइयों से नहीं देखी गई. सबसे छोटा भाई दूर एक पीपल के पेड़ में एक दीपक प्रज्वलित कर आया और अपनी बहन से बोला- व्रत तोड़ लो, चांद निकल आया है.

Also Read: Chhath puja date 2020: इस साल कब है छठ, जानिए तारीख, नहाय-खाय, खरना, व्रत नियम और पूजा विधि…

बहन को भाई की चतुराई समझ में नहीं आई और उसने खाने का निवाला खा लिया. निवाला खाते ही उसे अपने पति की मृत्यु का समाचार मिला. शोकातुर होकर वह अपने पति के शव को लेकर एक वर्ष तक बैठी रही और उसके ऊपर उगने वाली घास को इकट्ठा करती रही. अगले साल कार्तिक कृष्ण चतुर्थी फिर से आने पर उसने पूरे विधि-विधान से करवा चौथ व्रत किया, जिसके फलस्वरूप उसका पति दोबारा जीवित हो गया.

Also Read: Diwali 2020 Date: कब है दिवाली और नरक चतुर्दशी, यहां जानिए तारीख, शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और लक्ष्मी पूजा करने का सही समय…
Also Read: Karwa Chauth 2020 Date: कब है करवा चौथ? यहां जानिए तारीख, शुभ मुहूर्त और इससे जुड़ी मान्यताएं…
Also Read: jaya kishori: कौन कब किसका और कितना अपना है यह सिर्फ वक्त बताता है, जानिए और क्या कहती है जया किशोरी…

News Posted by: Radheshyam kushawaha

Exit mobile version