20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Karwa Chauth 2024: पीरियड्स के दौरान ऐसे रखें करवाचौथ का व्रत, जानें नियम

Karwa Chauth 2024 Fasting Rules During Periods: कहा जाता है कि मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को पूजा-पाठ या किसी धार्मिक अनुष्ठान में भाग नहीं लेना चाहिए, साथ ही उन्हें भगवान और पूजा की सामग्री को भी नहीं छूना चाहिए. आइए जानें मासिक धर्म के समय महिलाओं को करवा चौथ का व्रत रखना चाहिए या नहीं.

Karwa Chauth 2024 Fasting Rules During Periods: हिंदू धर्म में मानव जीवन के कल्याण के लिए अनेक व्रत निर्धारित किए गए हैं. धर्म शास्त्रों के अनुसार, इन व्रतों का पालन करते समय नियम, संयम और पवित्र आचरण का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है. प्रत्येक व्रत को पूर्ण पवित्रता के साथ संपन्न करना चाहिए. विशेष रूप से महिलाओं के लिए यह कहा गया है कि मासिक धर्म के दौरान पूजा-पाठ या किसी धार्मिक अनुष्ठान में भाग नहीं लेना चाहिए. इसके साथ ही, भगवान और पूजा सामग्री को भी नहीं छूना चाहिए.

कई बार ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न होती हैं, जब महिलाओं को यह समझ नहीं आता कि उन्हें क्या करना चाहिए. 20 अक्टूबर को करवा चौथ का व्रत है, जो साल में एक बार आता है. सुहागिन महिलाएं इस व्रत का पूरे वर्ष इंतजार करती हैं. यदि इस दौरान मासिक धर्म शुरू हो जाए, तो महिलाएं यह सोचकर चिंतित हो जाती हैं कि पूजा करनी चाहिए या नहीं. आइए, जानते हैं कि ऐसी स्थिति में पूजा कैसे की जा सकती है.

Karwa Chauth 2024 Moonrise Time: रविवार को मनाया जाएगा करवा चौथ, जानें झारखंड में कब होगा चांद्रोदय

Karwa Chauth 2024: जानें करवा माता के बारे में, ऐसे पड़ा करवा चौथ का नाम 

Karwa Chauth 2024: कुंवारी लड़कियां भी रख सकती है करवा चौथ का व्रत, जानें नियम

Karwa Chauth 2024 Date: कब मनाया जाएगा करवा चौथ, जानिए तारीख, पूजा का समय, महत्व समेत अन्य जानकारी

करवा चौथ का व्रत पीरियड्स के दौरान कैसे करें

यदि आप करवा चौथ का व्रत रख रही हैं और इस दौरान आपके पीरियड्स शुरू हो जाते हैं, तो आपको अपने व्रत को पूरा करना चाहिए. इस समय आपको मानसिक रूप से करवा माता की श्रद्धा में लीन रहना चाहिए. ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि आप मासिक धर्म के दौरान बिना किसी संदेह के व्रत रख सकते हैं. शास्त्रों के अनुसार व्रत करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है. हालांकि, इस दिन करवा चौथ की कथा किसी अन्य व्यक्ति से सुनना उचित रहेगा. ध्यान रखें कि आप कथा की पुस्तक को छू नहीं सकतीं, अर्थात आप केवल दूर से कथा सुन सकती हैं.

आप भगवान की पूजा और उपासना में भाग नहीं ले सकतीं. यह नियम मासिक धर्म के दौरान सभी विशेष व्रतों में लागू होते हैं, जैसे सोलह सोमवार आदि संकल्प व्रतों में. इससे व्रत भंग का दोष नहीं लगता और व्रत धर्म का पालन भी होता है.यदि व्रत के दिन आपका मासिक धर्म शुरू हो जाता है, तो भी आप इन नियमों का पालन कर सकती हैं. एक और प्रश्न यह है कि यदि व्रत के दिन स्त्री रजस्वला हो जाए, तो वह देवकार्य और पूजा से अलग हो जाए, लेकिन व्रत रख सकती है.

इसलिए पीरियड्स के दौरान पूजा ना करने की होती है मनाही

महिलाओं के पीरियड्स के दौरान पूजा करने की मनाही का कारण धार्मिक मान्यताएं हैं. इन मान्यताओं के अनुसार, इस समय महिलाओं के शरीर में एक विशेष प्रकार की ऊर्जा होती है, जिसे भगवान सहन नहीं कर पाते. इसलिए, पीरियड्स के दौरान पूजा-पाठ या किसी धार्मिक आयोजन में भाग लेने से रोका जाता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें