खरमास समाप्त होने में लगभग 20 दिन बचे हैं. खरमास के करीब एक महीने के दौरान सभी तरह के मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है. ज्योतिष अनुसार खरमास के दिनों को अशुभ फल देने वाला माना गया है इसलिए इनदिनों में नकारात्मकता बढ़ती है. ऐसे में अपने मन और आसपास सकारात्मकता लाने के लिए कुछ उपाय करने की सलाह दी जाती है.
खरमास 14 दिसंबर 2021 मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि से शुरू हुआ जो मकर संक्रांति 14 जनवरी 2022 पौष मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि के दिन समाप्त हो जाएगा. मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी 2022 को मनाया जाएगा. बता दें कि मकर संक्रांति का विशेष धार्मिक महत्व होता है. इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं. सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही मांगलिक और शुभ कार्य आरंभ हो जाएंगे.
खरमास के दिनों में नकारात्मकता दूर करने और कष्टों के निवारण के लिए कुछ आसान से उपाय बताए गए हैं. इनदिनों में पूजा-पाठ धर्म-कर्म, मंत्र जाप, भागवत गीता, श्रीराम की कथा, पूजा, कथावाचन, और विष्णु भगवान की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है.
-
दान, पुण्य, जप, और भगवान का ध्यान लगाने से कष्ट दूर हो जाते हैं.
-
इस मास में भगवान शिव की आराधना करने से कष्टों का निवारण होता है.
-
शिवजी के अलावा खरमास में भगवान विष्णु की पूजा भी फलदायी मानी जाती है.
-
खरमास के महीने में सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाता है.
-
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत होकर तांबे के लोटे में जल, रोली या लाल चंदन, शहद लाल पुष्प डालकर सूर्यदेव को अर्घ्य देना चाहिए. ऐसा करना बहुत शुभ फलदायी होता है.
Also Read: January 2022 Festivals Dates: लोहड़ी, मकर संक्रांति समेत जनवरी महीने के व्रत-त्योहार की तारीख नोट कर लें
हिंदू पंचांग के अनुसार, जब खरमास या मलमास लगता है तो उस दौरान कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, खरमास के दौरान सूर्य की चाल धीमी पड़ जाती है इसलिए इस दौरान किया गया कोई भी कार्य शुभ फल प्रदान नहीं करता है. यही वजह है कि बड़े शुभ कार्य इनदिनों में स्थगित कर दिए जाते हैं.