Kharmas 2024 Start: सनातन धर्म में किसी भी कार्य करने से पहले शुभ दिन और मुहूर्त का विशेष ध्यान रखा जाता है. ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि विवाह 16 संस्कारों में से एक है, इसलिए विवाह की तारीख, मुहूर्त और तिथियां देखकर तय की जाती है. मान्यता है कि शुभ मुहूर्त में की गई शादियों से नए दंपत्ति को सौभाग्य की प्राप्ति होती है. फिलहाल खरमास चल रहा है, जिसके कारण अब अगले एक महीने तक शहनाई की धून नहीं बजेगी. धार्मिक मान्यता के अनुसार खरमास में शादी-विवाह जनेऊ, गृह प्रवेश और मुंडन आदि जैसे मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं.
अगले एक महीने तक मांगलिक कार्यों पर रहेगी रोक
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, वैशाख कृष्णा चतुर्थी 28 अप्रैल 2024 से आषाढ़ कृष्णा अमावस्या 5 जुलाई 2024 तक शुक्र ग्रह अस्त रहेंगे, इसी दौरान वैशाख कृष्णा चतुर्दशी 7 मई 2024 से ज्येष्ठ कृष्ण अष्टमी 31 मई 2024 तक देवगुरु बृहस्तपति अस्त रहेंगे. देव गुरु बृहस्पति और शुक्र ग्रह के अस्त होने से विवाह समेत मांगलिक कार्यों पर रोक रहेगी. वहीं वैशाख शुक्ला तृतीया आखातीज 10 मई 2024 को अबूझ मुहूर्त होने से विवाह करने में कोई दोष नहीं रहेगा, इसी तरह 23 मई पीपल पूर्णिमा पर और 15 जुलाई को भड़ली नवमी पर भी अबूझ मुहूर्त रहेगा, इन दिनों मांगलिक कार्य अक्षय हो जाते हैं.
आखातीज को क्यों होता है अबूझ मुहूर्त
आखातीज को अक्षय तृतीया भी कहा जाता है, इस दिन सूर्य और चन्द्रमा उच्च के होते हैं. सूर्य मेष राशि में और चन्द्रमा वृषभ राशि में होते हैं. इससे आखातीज को किसी प्रकार का दोष नहीं लगता. इसी कारण आखातीज अबूझ मुहूर्त होता है. आखातीज या अक्षय तृतीया को किए सभी मांगलिक कार्य अक्षय हो जाते हैं.
मई और जून में नहीं होगी शादियां
साल 2024 की शुरुआत हो चुकी है. शादियों के लिहाज से यह साल अच्छा रहने वाला है. 24 वर्ष बाद मई और जून में एक भी दिन विवाह मुहूर्त नहीं रहेगा, इसकी वजह दोनों महीनों में शुक्र ग्रह का अस्त होना है. शुक्र उदित होने के बाद जुलाई में ही विवाह मुहूर्त शुरू होंगे. बता दें कि ऐसी स्थिति वर्ष 2000 में भी बनी थी, तब भी मई और जून में कोई विवाह मुहूर्त नहीं था.
17 जुलाई से 12 नवंबर तक होगा देव शयन काल
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार देवशयनी एकादशी अर्थात् आषाढ़ शुक्ला एकादशी 17 जुलाई 2024 से देव उठनी एकादशी अर्थात् कार्तिक शुक्ला एकादशी 12 नवंबर 2024 तक चार माह देव शयन काल होने से विवाह समेत मांगलिक कार्यों पर रोक रहेगी. ऐसे में अप्रैल से लगाकर नवंबर के बीच बसंत पंचमी, आखातीज, पीपल पूर्णिमा, भड़ली नवमी और देवउठनी एकादशी पर विवाह के अबूझ मुहूर्त रहेगा, इस दौरान सभी मांगलिक कार्य किए जा सकेंगे.
शादी विवाह के शुभ मुहूर्त
- अप्रैल – 18, 19, 20, 21, 22 ( 5 दिन)
- जुलाई – 3, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15 (8 दिन)
- नवंबर – 16, 17, 18, 22, 23, 24, 25, 26, 28 ( 9 दिन)
- दिसंबर – 2, 3, 4, 5, 9, 10, 11, 13, 14 व 15( 10 दिन)