Kojagra 2024: मिथिला का लोक पर्व कोजागरा आश्विन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाएगा. नवविवाहित दूल्हों के घरों में कोजागरा को लेकर उत्सव का माहौल बना हुआ है. दूल्हे की ससुराल से आने वाले उपहारों की चर्चा घरों में शुरू हो चुकी है. नवविवाहितों के रिश्तेदारों का आना-जाना भी जारी है.
कब मनाया जाएगा कोजागरा ?
इस साल कोजागरा पर्व 16 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा. आश्विन मास की पूर्णिमा को मनाए जाने वाले पर्व कोजागरा में मुख्यतः लक्ष्मी के अन्नपूर्णा स्वरूप की पूजा की जाती है. इसके साथ ही, घर में आई नई विवाहिता को सामाजिक स्तर पर आशीर्वाद दिया जाता है, जिसे चुमाओन कहा जाता है. मिथिला में कोजागरा की रात नवविवाहित दंपती का चुमाओन करने की परंपरा सदियों से प्रचलित है. यह परंपरा आज भी पूरी श्रद्धा के साथ निभाई जाती है.
मां लक्ष्मी की आराधना का विशेष महत्व
कोजागरा की रात मां लक्ष्मी की आराधना का विशेष महत्व है. इस रात लगभग सभी घरों में श्रद्धा के साथ मां अन्नपूर्णा की पूजा की जाती है. यह मान्यता है कि कोजागरा की रात से देवी अन्नपूर्णा घर में निवास करने लगती हैं. उनकी निष्ठापूर्वक पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है. इसी भावना के साथ मिथिला के हर घर में देवी अन्नपूर्णा की आराधना की जाती है. कहा जाता है कि जिस घर में आश्विन माह की पूर्णिमा को मां अन्नपूर्णा की पूजा की जाती है, वहां अन्न का संकट कभी नहीं आता और वहां के लोग कभी भूख से नहीं मरते.
मखाना वितरण की है परंपरा
परंपरा के अनुसार, कोजागरा के अवसर पर नवविवाहित दंपती को मखाना, मिठाई, चूरा, दही, नए वस्त्र और अन्य खाद्य सामग्री उपहार के रूप में प्रदान की जाती है. चुमाओन के बाद मखाना वितरण की प्रक्रिया होती है. इसके बाद, ससुराल से आए खाद्य पदार्थों को लोगों को वितरित करके इस पर्व का समापन किया जाता है. कोजागरा के चलते बाजार में मखाने की मांग में वृद्धि हुई है, जिसके कारण इसकी कीमतों में भी काफी बढ़ोतरी हुई है. फिर भी, लोग इस पर्व की रस्म को पूरा करने के लिए उत्साहपूर्वक मखाना खरीदते हुए नजर आते हैं.