भगवान कृष्ण को 56 भोग लगाने के पीछे कई पौरणिक कथाएं प्रचलित है. पहली कथा के अनुसार,जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण को 56 भोग लगाया जाता है. लेकिन छप्पन भोग क्यों लगाया जाता है, इसके बारे में कम ही लोग जानते होंगे. भगवान श्री कृष्ण को छप्पन भोग लगाए जाने के पीछे एक कथा प्रसिद्ध है.
धार्मिक कथा के अनुसार, भगवान कृष्ण को पाने के लिए गोपियों ने मास पर्यन्त यमुना में ब्रम्ह मुहूर्त स्नान किया था. सभी गोपियां कृष्ण को अपने वर के रूप में देखना चाहती थीं. ऐसे में गोपियों ने स्नान किया और मां कात्यायनी से कृष्ण को अपने वर के रूप में देखने की मन्नत मांगी. इसके बदले में गोपियों से मां कात्यायनी को उद्दापन में 56 तरह के आहार देने की मन्नत मांगी थी.
इसी के बाद से भगवान श्रीकृष्ण को छप्पन भोग लगाया जाने लगा. दूसरी कथा के अनुसार, इंद्रदेव के प्रकोप से ब्रजवासियों को बचाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठाया था तब उन्हें लगातार सात दिन भूखा रहना पड़ा था. इसके बाद उन्हें सात दिनों और आठ पहर के हिसाब से 56 व्यंजन खिलाए गए थे.
माना जाता है इस घटना के बाद से ही श्रीकृष्ण को 56 भोग लगाने की परंपरा शुरू हुई. जन्माष्टमी के दिन आप भी भगवान कृष्ण को 56 भोग लगा सकते हैं. छप्पन भोग लगाने से भगवान कृष्ण प्रसन्न होते हैं और इससे आपकी हर मनोकामना भी पूरी होती है.
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