Kumbh Mela 2021: कितने साल में आयोजित किया जाता हैं कुंभ, अर्धकुंभ, पूर्णकुंभ और महाकुंभ, क्या है इसके पीछे मान्यताएं
Kumbh Mela 2021, Ardh Kumbh, Purna Kumbh, Maha Kumbh, Dates, Year, Significance: हिंदू धर्म का सबसे बड़ा महापर्व और धार्मिक मेला कुंभ है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कुंभ, अर्धकुंभ, पूर्णकुंभ और महाकुंभ कैसे एक दूसरे से अलग है और कितने वर्ष के अंतराल में इसे आयोजित किया जाता है. आइए जानते हैं क्या है इससे जुड़ी मान्यताएं...
Kumbh Mela 2021, Ardh Kumbh, Purna Kumbh, Maha Kumbh, Dates, Year, Significance: हिंदू धर्म का सबसे बड़ा महापर्व और धार्मिक मेला कुंभ है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कुंभ, अर्धकुंभ, पूर्णकुंभ और महाकुंभ कैसे एक दूसरे से अलग है और कितने वर्ष के अंतराल में इसे आयोजित किया जाता है. आइए जानते हैं क्या है इससे जुड़ी मान्यताएं…
जैसा कि ज्ञात हो कि हर 3 साल में उज्जैन, प्रयागराज, हरिद्वार व नासिक में कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है. ऐसे में हरिद्वार में कुंभ हर 12 वर्ष के अंतराल में आता है. लेकिन इस बार 11 वर्ष में ही इसका आयोजन किया जा रहा है.
अर्धकुंभ किसे कहते हैं: आपको बता दें कि प्रयागराज और हरिद्वार में प्रत्येक 6 वर्ष में कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है जिसे अर्धकुंभ भी कहा जाता है.
पूर्ण कुंभ किसे कहते हैं: जबकि, इलाहाबाद के प्रयागराज में हर 12 साल में लगने वाला कुंभ पूर्ण कुंभ कहलाता है.
महाकुंभ किसे कहते हैं: वहीं, प्रयागराज में 144 वर्ष के अंतराल में लगने वाले कुंभ को महाकुंभ मेला कहा जाता है.
ऐसे समझे पूर्णकुंभ को: आप ऐसे समझ सकते पूर्णकुंभ को, यदि हरिद्वार में इस बार के कुंभ का आयोजन हो रहा है तो अगले तीन वर्ष बाद प्रयागराज में फिर अगले तीन वर्ष बाद नासिक उसके तीन वर्ष बाद उज्जैन में आयोजित किया जाएगा. ऐसे में हर 12 वर्ष के अंतराल में हरिद्वार, नासिक या प्रयागराज में होने वाले कुंभ को ही पूर्ण कुंभ कहा जाएगा.
क्या है इसके पीछे मान्यताएं: दरअसल, धार्मिक शास्त्रों के अनुसार भगवान के बारह दिन को इंसानों के 12 वर्ष माने जाते हैं. यही कारण है कि पूर्ण कुंभ का आयोजन हर 12 वर्ष के अंतराल में आयोजित किया जाता है.
गौरतलब है कि इस बार कोरोना महामारी के कारण 01 अप्रैल से 28 अप्रैल तक हरिद्वार कुंभ आयोजित किया जा रहा है. इसमें पहला शाही स्नान 12 अप्रैल, सोमवती अमावस्या के दिन किया जाएगा. दूसरा शाही स्नान 14 अप्रैल यानी बैसाखी के अवसर पर किया जाएगा. जबकि तीसरा शाही स्नान 27 अप्रैल को पूर्णिमा तिथि पर किया जाना है.
Posted By: Sumit Kumar Verma