Labh Panchami 2024: आज मनाया जा रहा है लाभ पंचमी का शुभ पर्व, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Labh Panchami 2024: आज मनाया जा रहा है लाभ पंचमी का शुभ पर्व, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधिLabh Panchami 2024: आज 6 नवंबर 2024 को लाभ पंचमी है. इस अवसर पर व्यापारी नए व्यवसाय की शुरुआत करते हैं. सुख, समृद्धि और शुभता की कामना के लिए किया जाने वाला सौभाग्य पंचमी का व्रत सभी इच्छाओं को पूरा करता है। इस दिन लक्ष्मी जी के साथ गणपति जी की पूजा करना चाहिए.

By Shaurya Punj | November 6, 2024 5:00 AM

Labh Panchami 2024: लाभ पंचमी के दिन की गई विधिपूर्वक पूजा को व्यापार में अनेक लाभ प्राप्त करने और सौभाग्य में वृद्धि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन नए कार्यों की शुरुआत करना विशेष रूप से लाभकारी होता है. इस पावन अवसर पर धन की देवी लक्ष्मी जी की पूजा-अर्चना की जाती है. आज 6 नवंबर 2024 को लाभ पंचमी से है. आइए, हम आपको बताते हैं कि लाभ पंचमी का शुभ मुहूर्त क्या है.

लाभ पंचमी 2024 शुभ मुहूर्त

पंचमी तिथि प्रारंभ:06 नवंबर 2024 को देर रात्रि 12:16 बजे से
पंचमी तिथि समाप्त: 07 नवंबर, 2024 को देर रात्रि 12:41 बजे

लाभ पंचमी दिन का चौघड़िया

सूर्योदय : प्रातः 06:43 पर
शुभ: प्रातः 10:36 से प्रातः 11:53 तक
लाभ: प्रातः 06:43 से प्रातः 08:00 तक
अमृत: प्रातः08:00 से प्रातः 09:18 तक

लाभ पंचमी रात के लिए चौघड़िया

सूर्यास्त: सायं 05:04 पर
शुभ: सायं 06:46 से रात्रि 08:29 तक
अमृत: रात्रि 08:29 से रात्रि 10:11 तक
लाभ: तड़के 03:19 से प्रातः 05:01,नवम्बर 07

लाभ पंचमी पूजा की विधि

इस दिन प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान करें और सूर्य देव को जल अर्पित करें.
लाभ पंचमी के शुभ समय में भगवान गणेश, शिव और देवी लक्ष्मी की पूजा करें.
भगवान को मिठाई और फल अर्पित करें.
गणेश जी को चंदन, सिंदूर, फूल और दूर्वा चढ़ाएं.
भगवान शिव को बिल्व पत्र, धतूरे के फूल और सफेद वस्त्र अर्पित करें.
लक्ष्मी जी को हलवा और पूड़ी का भोग लगाएं.
अंत में देवी लक्ष्मी की आरती करते हुए समृद्धि और सफलता की प्रार्थना करें.

लाभ पंचमी का महत्व

लाभ पंचमी के अवसर पर व्यापारी अपने बहीखातों और लेखा-जोखा का पूजन करते हैं. नए बहीखातों पर शुभ-लाभ और स्वस्तिक बनाकर उद्घाटन किया जाता है. मान्यता है कि ऐसा करने से आने वाले वर्ष में व्यापार में वृद्धि के अवसर बनते हैं. इस दिन सुख-समृद्धि और मंगलकामना के लिए व्रत रखा जाता है.

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