चालीसा का पुण्य काल: शद्रक, मेशक, अबेदनगो की तरह हमारा विश्वास अटूट रहे
नबी दानिएल के ग्रंथ के पाठ में उस घटना की चर्चा है, जिसमें ईशभक्त शद्रक, मेशक और अबेदनगो ने राजा नबूकदनजर द्वारा बनायी और प्रतिस्थापित सोने की मूर्ति की आराधना करने से इनकार किया
नबी दानिएल के ग्रंथ के पाठ में उस घटना की चर्चा है, जिसमें ईशभक्त शद्रक, मेशक और अबेदनगो ने राजा नबूकदनजर द्वारा बनायी और प्रतिस्थापित सोने की मूर्ति की आराधना करने से इनकार किया़ तब राजा ने क्रुद्ध होकर उन्हें आग की भट्टी में डालने की धमकी दी और कहा कि मेरे हाथों से तुम्हें कोई बचा नहीं सकता़ तब शद्रक और उसके मित्रों ने कहा कि हमारा ईश्वर हमें धधकती आग से और आपके हाथों से बचाने में समर्थ है.
वह हमें नहीं बचाता है, तब भी हम आपके देवी- देवताओं की आराधना नहीं करेंगे़ इसके तुरंत बाद उन तीनों को आग की भट्टी में फेंक दिया गया़ लेकिन ईश्वर ने अपने स्वर्गदूत को आग की भट्टी में भेज कर उन्हें भस्म होने से बचा लिया़ यह इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने ईश्वर पर भरोसा रखकर राजा की आज्ञा का उल्लंघन किया और अपने शरीर अर्पित कर दिये.
वे ईश्वर को छोड़ कर किसी अन्य देवता की सेवा या आराधना नहीं करना चाहते थे.प्रभु यीशु उन यहूदियों से जिन्होंने उन पर विश्वास किया था, कहते हैं, यदि तुम मेरी शिक्षा पर दृढ़ रहोगे, तो सचमुच मेरे शिष्य सिद्ध होगे़ तुम सत्य को जान जाओगे और सत्य तुम्हें स्वतंत्र कर देगा. प्रभु यीशु स्वयं मार्ग, सत्य और जीवन हैं. जैसे ही प्रभु यीशु ने उनसे कहा कि सत्य तुम्हें स्वतंत्र कर देगा, वे न केवल नाराज हुए बल्कि उनके प्रति आक्रमक भी हो गये.
वे अपने को ईश्वर की चुनी हुई विशिष्ट प्रजा मानते थे और इसका उनमें अहंकार था़ यहूदियों ने ईश्वर की दस आज्ञाओं की व्याख्या अपनी सुविधा और अपने लाभ के लिए नये सिरे से किया़ ईश्वर की महिमा-आराधना करने के बदले वे अपनी ही बड़ाई ढूंढ़ते थे़ पड़ोसियों को प्रेम करने के बदले वे अपने स्वार्थ की पूर्ति में लगे रहते थे़
चालीसा के अवसर पर कलीसिया चाहती है कि इब्राहीम, शद्रक, मेशक और अबेदनगो की तरह हमारा विश्वास गहरा और अटूट रहे़ ताकि हम अपना जीवन और सब कुछ ईश्वर के लिए समर्पित करने को तैयार रहे़ं इसके साथ ही हम प्रभु ईश्वर की दस आज्ञाओं पर श्रद्धा रखें और प्रभु यीशु की सारी शिक्षाओं को निष्ठापूर्वक अपने जीवन में अमल करे़ं