23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

लेटेस्ट वीडियो

Lohri 2021 Date: कब है लोहड़ी, क्यों और कैसे मनाया जाता है यह पर्व, जानें पूजा विधि, महत्व और परंपराएं

Lohri 2021 Date: मकर संक्रांति से एक दिन पहले लोहड़ी पर्व मनाया जाता है. इस साल लोहड़ी पर्व 13 जनवरी दिन बुधवार को मनाया जाएगा. लोहड़ी पर्व उत्तर भारत का प्रमुख त्योहार है. यह पर्व पंजाब और हरियाणा बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. लोहड़ी पर्व मूल रूप से पंजाब का सांस्कृति पर्व है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Lohri 2021 Date: मकर संक्रांति से एक दिन पहले लोहड़ी पर्व मनाया जाता है. इस साल लोहड़ी पर्व 13 जनवरी दिन बुधवार को मनाया जाएगा. लोहड़ी पर्व उत्तर भारत का प्रमुख त्योहार है. यह पर्व पंजाब और हरियाणा बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. लोहड़ी पर्व मूल रूप से पंजाब का सांस्कृति पर्व है. अब लोहड़ी पर्व देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी धूमधाम से मनाया जाता है, क्योंकि पंजाब के लोग भारत में ही नहीं बल्‍कि विदेशों में भी बसे हुए हैं. लोहड़ी के दिन आग में तिल, गुड़, गजक, रेवड़ी और मूंगफली चढ़ाई जाती हैं. आग के चारों तरफ चक्कर लगाकर सभी लोग अपने सुखी जीनव की कामना करते हैं. इस पर्व में संगीत और नृत्य का तड़का इसे और भी खूबसूरत बना देता है.

लोहड़ी पर्व शरद ऋतु के अंत में मनाया जाता है. मान्‍यता है कि लोहड़ी के दिन साल की सबसे लंबी रात होती है और अगले दिन से धीरे-धीरे दिन बढ़ने लगता है और रात छोटी होने लगती है. मान्यता है कि लोहड़ी के समय किसानों के खेत लहलहाने लगते हैं और रबी की फसल कटकर आती है. नई फसल के आने की खुशी और अगली बुवाई की तैयारी से पहले लोहड़ी का जश्‍न मनाया जाता है. यह पर्व कृषियों को समर्पित है.

लोहड़ी पर्व जुड़ी परंपराएं

लोहड़ी के के दिन अग्नि जलाने के बाद उसमें तिल, गजक, रेवड़ी, गुड़ और मूंगफली चढ़ाई जाती हैं. इसके बाद सभी लोग अग्नि के गोल-गोल चक्कर लगाते हुए सुंदरिए-मुंदरिए हो, ओ आ गई लोहड़ी वे, जैसे पारंपरिक गीत गाते हुए ढोल-नगाड़ों के साथ नाचते-गाते हुए इस पावन पर्व को उल्लास के साथ मनाते हैं.

कैसे मनाया जाता है लोहड़ी

लोग इस पर्व का जश्न अपने परिवार , रिश्‍तेदारों, करीबियों और पड़ोसियों के साथ मिलकर मनाते हैं. रात के वक्‍त सब लोग खुले आसामन के नीचे आग जलाकर उसके चारों ओर चक्‍कर काटते हुए लोक गीत गाते हैं, नाचते हैं और मूंगफली, मकई, रेवड़ी व गजक खाते हैं. यह त्‍योहार एकता, भाईचारे, प्रेम व सौहार्द का प्रतीक भी है. पंजाब में लोग लोकनृत्‍य भांगड़ा और गिद्धा करते हैं. इस दिन विवाहित बेटियों को आग्रह और प्रेम के साथ घर बुलाया जाता है. उन्‍हें आदर व सत्‍कार के साथ भोजन कराया जाता है और कपड़े व उपहार भेंट किए जाते हैं.

दुल्ला भट्टी की कहानी

लोहड़ी पर दुल्ला भट्टी की कहानी सुनने का खास महत्व होता है. लोहड़ी में लोग गीत गाते हुए दुल्ला भट्टी की कहानी सुनाते हुए नाच गाना करते हैं. लोहड़ी को लेकर एक मुगल बादशाह अकबर के शासन के दौरान दुल्‍ला भट्टी नाम का एक शख्‍स था. दुल्ला भट्टी ने पंजाब की लड़कियों की उस वक्त रक्षा की थी, जब संदल बार में लड़कियों को अमीर सौदागरों को बेचा जा रहा था. वहीं एक दिन दुल्ला भट्टी ने इन्हीं अमीर सौदागरों से लड़कियों को छुड़वा कर उनकी शादी हिन्दू लड़कों से करवाई थी और तभी से इसी तरह दुल्ला भट्टी को नायक की उपाधि से सम्मानित किया जाने लगा. कहा जाता हैं कि तभी से लोहड़ी का त्‍योहार धूमधाम से मनाया जाता है. हर साल हर लोहड़ी पर ये कहानी सुनाई जाने लगी.

Posted by: Radheshyan Kushwaha

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel