Magh Gupt Navratri 2025: माघ गुप्त नवरात्र 30 जनवरी से, बिहार के थावे मंदिर में जुटेंगे तंत्र साधक
माघ गुप्त नवरात्र 30 जनवरी से शुरू हो रहा है. गुप्त नवरात्र में मां के सिंहासनी के दरबार में दर्शन का भी अपना महत्व है. बिहार के थावे मंदिर में तंत्र साधक बड़ी संख्या में जुटेंगे.
Magh Gupt Navratri 2025: नववर्ष की पहला नवरात्र 29 जनवरी से शुरू हो रहा है. इस दौरान मां आदिशक्ति की 10 महाविद्या की पूजा भक्त गुप्त तरीके से करेंगे. गूढ़ विद्या के साधकों और किसी तंत्र मंत्र से परेशान लोगों को इसका इंतजार रहता है. काली, तारा, छिन्नमस्ता, षोडशी, भुवनेश्वरी, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी व कमला का अनुष्ठान होता है. तंत्र साधक शक्तिपीठ यावे में भी साधना के लिए जुटेंगे, थावे में भक्त की पुकार पर कामाख्या से चलकर मां सिंहासनी आयी थीं.
थावे में तंत्र साधक मां कामाख्या के स्वरूप की साधना करते हैं. गुप्त नवरात्र में मां के सिंहासनी के दरबार में दर्शन का भी अपना महत्व है. थावे मंदिर के मुख्य पुजारी पं संजय पांडेय ने बताया कि गुप्त नवरात्र में आम भक्तों को मां को नारियल, चुनरी, सिंदूर, पेड़ा चढ़ाने का महत्व है. भक्तों पर मां की कृपा बनी रहती है.
30 जनवरी को होगी कलश स्थापना
बंजारी रोड स्थित ज्योतिष परामर्स केंद्र के वैदज्ञ अखिलेश्वर सिंह ने बताया कि माघ गुप्त नवरात्र माघ गुप्त नवरात्र की शुरुआत माघ शुक्ल पक्ष प्रतिय से होती है. इस साल माघ शुक्ल प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 29 जनसरी को शाम 06:05 बजे होगी और यह तिथि 30 जनवरी को शाम 04:10 बजे संपन्न हो जायेगी.
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अमावस्या और रात्रि काल में घटस्थापना निषिद्ध
शारदीय नवरात्र में किए जाने वाले अधिकांश अनुष्ठान और विधि- विधानों का पालन माघ गुप्त नवरात्र के समय भी किया जाता है. घटस्थापना से देवी शक्ति का आह्वान होता है और फिर नौ दिन तक साधना की जाती है. अमावस्या और रात्रि काल में घटस्थापना निषिद्ध की गयी है. घटस्थापना मुहूर्त प्रतिपदा तिथि पर, द्वि-स्वभाव मीन लग्न के दौरान है.
कलश स्थापना का मुहूर्त
माघ नवरात्रि घटस्थापनाः गुरुवार, 30 जनवरी
दिस्थापना मुहूर्त: सुबह 09:31 से 10:51 बजे तक
अवधि: 01:20 घंटा
अभिजित मुहूर्त: दोपहर 12:19 बजे से 01:02 बजे तक
अवधि: 00 घंटे 44 मिनट