माघ गुप्त नवरात्रि आरंभ, जानें घटस्थापना मुहूर्त और पूजन विधि

Magh Gupt Navratri 2025: माघ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से लेकर नवमी तक गुप्त नवरात्रि का आयोजन किया जाता है. पंचांग के अनुसार, इस वर्ष माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत गुरुवार, 30 जनवरी 2025 को होगी. इसका समापन शुक्रवार, 7 फरवरी को होगा. गुप्त नवरात्रि का यह पर्व कुल 9 दिनों तक चलेगा.

By Shaurya Punj | January 30, 2025 7:41 AM
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Magh Gupt Navratri 2025: हिंदू धर्म में नवरात्रि का अत्यधिक महत्व है. यह पर्व मां दुर्गा को समर्पित है. नवरात्रि वर्ष में चार बार मनाई जाती है, जिसमें दो गुप्त और दो प्रत्यक्ष नवरात्रि शामिल हैं. गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है, जबकि प्रत्यक्ष नवरात्रि में मां दुर्गा के 10 स्वरूपों की आराधना की जाती है. माघ गुप्त नवरात्रि आज 30 जनवरी से आरंभ हो चुकी है. जानें माघ गुप्त नवरात्रि के घटस्थापना मुहूर्त, पूजन मुहूर्त, पूजन विधि, सामग्री और मंत्र.

माघ गुप्त नवरात्रि 2025 की तिथि

माघ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से लेकर नवमी तक गुप्त नवरात्रि का आयोजन किया जाता है. इस वर्ष यह 30 जनवरी 2025, गुरुवार से प्रारंभ होगा और 7 फरवरी 2025, शुक्रवार को समाप्त होगा. इस अवधि में जिन 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है, वे निम्नलिखित हैं- मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी.

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माघ गुप्त नवरात्रि 2025 के लिए घटस्थापना का मुहूर्त

इस वर्ष माघ गुप्त नवरात्रि का आरंभ 30 जनवरी से होगा. इस दिन श्रवण और धनिष्ठा नक्षत्र के साथ व्यतीपात योग का संयोग बन रहा है, जो पूजा और अनुष्ठान के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. कलश स्थापना के लिए इस दिन दो विशेष मुहूर्त उपलब्ध हैं.

पहला मुहूर्त सुबह 9:25 से 10:46 तक है.

दूसरा शुभ मुहूर्त दोपहर 12:13 से 12:56 तक है.

पूजा में आवश्यक सामग्री

मां दुर्गा की मूर्ति या चित्र, सिंदूर, कुमकुम, चूड़ियाँ, धूप, दीप, कपूर, नैवेद्य, नारियल, जौ, गंगाजल, पंचमेवा, सरसों का तेल, हवन सामग्री आदि.

मां दुर्गा की पूजा विधि

गुप्त नवरात्रि के अवसर पर तांत्रिक और अघोरी आधी रात को मां दुर्गा की पूजा करते हैं. सबसे पहले मां दुर्गा की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित की जाती है, फिर लाल रंग का सिंदूर और सुनहरे गोटे वाली चुनरी अर्पित की जाती है. इसके पश्चात, मां के चरणों में पूजा सामग्री अर्पित की जाती है. मां दुर्गा को लाल पुष्प चढ़ाना अत्यंत शुभ माना जाता है. सरसों के तेल से दीपक जलाकर ‘ॐ दुं दुर्गायै नमः’ मंत्र का जाप करना चाहिए.

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